मार्च से चले आ रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर अप्रैल में भी देखने को मिलेगा। इस बार लू के आसान कम नजर आ रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में शनिवार को ही आगामी 3 माह का मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। विशेषज्ञों की माने तो 3 अप्रैल को एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। जिससे मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा। जिससे हीटवेव अप्रैल में नहीं चलेंगीं।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में मेघ गर्जना देखने को मिलेगी। जिसका प्रभाव बीकानेर ,जोधपुर शेखावाटी क्षेत्र में नजर आएगा। शुरुआती 10 दिन सिस्टम हल्का रहेगा। जिससे तापमान में वृद्धि नहीं होगी। वही दूसरे तीसरे सप्ताह एंटीसाइक्लोन बनने से तापमान बढ़ेगा। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पुन: तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।
कौन हो रहा है सबसे अधिक प्रभावित? इस समय बारिश से अन्य व्यवसाय पर कितना प्रभाव पड़े या ना पड़े। लेकिन खेती किसानी मानसून का जुआ है। इस पर सबसे अधिक मार पड़ रही है। इस विपरित मौसम की।
खड़ी फसल हुई बर्बाद ,फसल बीमा में शामिल होगा आपदा का मुआवजा।
अभी सर्दियों के मौसम में भी राजस्थान में तेज पाला तो कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि भी देखने को मिली। जिससे किसानों की खड़ी फसल चौपट हो गई। वहीं अब फिर तेज बारिश ने किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया। इस महंगाई के जमाने में खेती किसानी वाले किसानों पर इन प्राकृतिक आपदाओं का कितना बुरा प्रभाव पड़ रहा है ?यह सोचनीय विषय है। ऐसे में नए नियमों में प्रावधान है कि खराब फसल का मुआवजा फसल बीमा क्लेम में मिलने वाली राशि में शामिल किया जाएगा। इससे आपदा के मुआवजे का फायदा तभी मिलेगा ।जब यह राशि बीमा क्लेम से अधिक बनेगी। हाईकमान के इस आदेश के बाद राज्य सरकार के आपदा विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को इसके निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो जनवरी में पाले से 6 जिलों में 16 लाख 38 हजार किसान प्रभावित हुए थे ।उन्हें भी मुआवजा मिलने की प्रक्रिया जारी है। इस बाबत कृषि विभाग सूची उपलब्ध कराएगा। कृषि विभाग के अधिकारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी किसानों की सूची उपलब्ध कराएंगे।