Family Pension Rule Change: केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव कर दिया है। इसके बाद यदि किसी महिला कर्मचारी का वैवाहिक जीवन परेशानियों से जूझ रहा है तो वह अपनी पेंशन के लिए पति की जगह पर अपने बच्चों को फैमिली पेंशन के लिए नॉमिनेट कर सकती है।
पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग (DoPPW) ने नियमों में बदलाव किया है। यह संसोधित नियम किसी महिला सरकारी कर्मचारी की फैमिली पेंशन को उसके पति से पहले उसके बच्चे को देने की परमिशन देता है। तलाक और घरेलू हिंसा के मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने यह फैसला लिया है।
पति नहीं बच्चों को मिलेगी पेंशन!
गौरतलब है कि यदि मृत सरकारी कर्मचारी अथवा पेंशनर का जीवनसाथी फैमिली पेंशन के लिए अयोग्य हो या फिर उसकी मौत के बाद परिवार के दूसरे सदस्य फैमिली पेंशन के पात्र होते हैं। नए नियम से अगर महिला कर्मचारी का पति पर दहेज या घरेलू हिंसा से जुड़ा मामला चल रहा है तो वह अपनी पेंशन के लिए बच्चों को नॉमिनेट कर सकती है। यह नियम उसी स्तिथि में लागू होगा जब यदि पति पर आईपीसी के तहत किसी भी प्रकार का मामला दर्ज है।
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महिला को करनी होगी रिक्वेस्ट
DoPPW के अनुसार इस बदलाव यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) की सलाह पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लिया गया है। महिला कर्मचारी अपने ऑफिस के हेड से लिखित में रिक्वेस्ट कर सकती है कि उसकी मौत की स्थिति में उसके जीवनसाथी के बजाय बच्चों को फैमिली पेंशन (Family Pension) दी जाए।
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अब हो गया है नियमों में बदलाव
Central Civil Services (Pension) Rules, 2021 के नियम 50 के तहत सरकारी कर्मचारियों या रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों (Retired Government Employees) की मौत के बाद फैमिली पेंशन दी जाती है। यदि किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनर का पति या पत्नी जिंदा है तो फैमिली पेंशन पर सबसे पहला हक उसके पति या पत्नी का होता है। ऐसे में अब ऐसा जरुरी नहीं होगा क्योंकि नियमों में विशेष स्तिथि के लिए बदलाव कर दिया गया है।