Barmer Kisan Farming New Experiment: राजस्थान का बाड़मेर जिला इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है। एक तरह पूर्व विधायक मेवाराम जैन के अश्लील वीडियो की वजह से तो दूसरा आठवीं पास 'रूम देवी' की वजह है, जिन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है। इस बीच हम बात करेंगे बाड़मेर के युवा किसान 'विक्रमसिंह' की, जिन्होंने विदेशी कंपनी से एग्रीमेंट कर नवीन तकनीक से आलू की बुवाई कर नया कारनामा कर दिखाया।
बात फरवरी 2023 में पहली बार सुर्खियों में आई थी। जिसमें बताया गया कि बाड़मेर जिला मुख्यालय से मात्र 35 किलोमीटर दूर तारतारा गांव निवासी युवा किसान विक्रमसिंह विदेशी कंपनी से एग्रीमेंट कर नवीन तकनीक से आलू की बुवाई कर रहे है। जिसकी मदद से रेगिस्तानी धोरों में आलू की बंपर पैदावार हो रही हैं। दूर-दूर से लोग इस कारनामे को देखने के लिए आते है। रेगिस्तान को खेती उपयुक्त न मानने वाले लोगों के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था।
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फ्रेंच फ्राइज़ के आलू की खेती
राजस्थान के रेगिस्तान में जहां लोग कभी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसा करते थे। अब इसी रेगिस्तान में फ्रेंच फ्राइज़ के आलू की खेती कर 'विक्रमसिंह' ने इतिहास रचा है। उनके द्वारा रेगिस्तान में बोये जा रहे आलू विदेशों में फ्रेंच फ्राई बनाने में काम आते है। बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और जीरे की ही बुवाई के लिए मशहूर रेगिस्तानी इलाकों में आलू की बुआई कर 'विक्रमसिंह तारातरा' ने बहुत बड़ा काम किया है। वह इसके लिए 25 एकड़ जमीन में खेती कर रहे है।
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कौन है विक्रमसिंह तारातरा?
वकील, फिर पत्रकारिता और फिर बड़े महानगरों में अपना भाग्य आजमाने के बाद Vikram Singh Taratara ने वापस अपने गांव लौटकर खेत के 25 एकड़ भाग में आलू की बुवाई शुरू की। इसके लिए उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फूड कंपनियों में शुमार कनाडा की McCain Foods कंपनी से एग्रीमेंट किया।