राजस्थान के श्रीकरनपुर विधान सभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। चुनाव परिणाम बताते हैं कि भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र पाल टीटी को 11283 मतों से हार का सामना करना पड़ा जिसके कारण उनको मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा है। भाजपा के बड़े नेताओं को करणपुर में पहले ही हार का अंदेशा हो गया था इसीलिए चुनाव के दौरान ही प्रत्याशी टीटी को स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बना दिया। देश के चुनाव इतिहास में यह पहला अवसर रहा जब किसी प्रत्याशी को परिणाम से पहले ही मंत्री पद देकर कृषि संचित क्षेत्र विकास इंदिरा गांधी नहर जल उपयोगिता जैसे विभाग भी दिए गए। कांग्रेस के उम्मीदवार रूपेंद्र सिंह के पिता गुरविंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया था और पिता की सहानुभूति लहर हावी रही इसलिए कांग्रेस को जीत मिल गई।
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हार की जिम्मेदारी कौन लेगा
सवाल उठता है कि अब इस हार की जिम्मेदारी भाजपा का कौन सा नेता लेगा। इस चुनाव के परिणाम से भले ही भाजपा सरकार पर असर न पड़े लेकिन कांग्रेस को उत्साहित होने का मौका मिल गया है। कांग्रेस को लगता है कि 4 माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार कुछ सीटों पर जीत मिल जाएगी। इस हार की जिम्मेदारी अभी तक किसी नेता ने नहीं ली है और हार के कारणों पर चर्चा की बात जरूर कही गई है। लेकिन जनता ने बता दिया है कि मंत्री बनने से पहले विधायक बनना जरूरी होता है और उसने विधायक बनने का जनादेश नहीं दिया तो मंत्री जी को इस्तीफा देना पड़ा है।
विभाग किसके होंगे
हार के बाद सुरेंद्र पाल टीटी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में टीटी वाले विभाग मुख्यमंत्री भजनलाल के अधीन आ गए हैं माना जा रहा है कि टीटी के विभाग कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत और कन्हैयालाल चौधरी को दिए जा सकते हैं। इन दोनों ही मंत्रियों के पास पानी से जुड़े विभाग ही हैं। टीटी के पास भी पानी से जुड़े कृषि संचित क्षेत्र इंदिरा गांधी नहर और जल उपयोगिता के विभाग भी है।
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नया मंत्री मिलेगा!
एक मंत्री की जगह भी खाली हुई है तो ऐसे में किसी विधायक को मंत्री भी बनाया जा सकता है जिसको टीटी के विभग मिल सकते हैं। लेकिन अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा है और पार्टी लोकसभा चुनावों तक ऐसा करने पर विचार भी नहीं करेगी।