भारत से तनातनी के बीच मालदीव और चीन सरकार ने एक साझा बयान जारी करते हुए दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की जानकारी दी है। दोनों देशों ने अपने साझा बयान में मालदीव औऱ चीन के बीच संबंधों को मजबूत करने तथा एक-दूसरे का समर्थन देने की बात कही है। इस दौरान दोनों देशों के बीच लगभग 20 समझौते हुए हैं।
इन समझौतों पर जताई सहमति
दोनों देशों में मीटिंग के दौरान कई समझौतों पर भी आपसी सहमति बनी है। इनमें बीआरआई तथा वैश्विक सुरक्षा पहल (GSI) पर दोनों देश एकमत हुए हैं। इनके अतिरिक्त मालदीव और चीन के बीच व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी (2024-2028) पर भी दोनों देश सहमत हो गए हैं।
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मालदीव ने कहा, ‘हम एक चीन सिद्धांत को मानते हैं’
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु चीन से काफी प्रभावित हैं। दोनों देशों के साझा बयान में ताइवान के मुद्दे पर बोलते हुए मालदीव ने कहा है कि वह एक चीन सिद्धांत को मानते हैं और किसी भी तरह से चीन के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप का वह विरोध करते हैं। उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी चीन का समर्थन करने का निर्णय लिया है।
चीन से की अपील, ज्यादा पर्यटक भेजें
भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव का बहिष्कार किए जाने और इससे उनकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नुकसान को देखते हुए राष्ट्रपति मुइज्जु ने चीन से अपील की है कि वह अपने ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को मालदीव भेजे। इस संबंध में भी दोनों देशों के बीच व्यापक बातचीत हुई है।
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पांच दिवसीय चीन दौर पर हैं मालदीव के राष्ट्रपति
इन दिनों मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु पांच दिवसीय दौरे पर चीन आए हुए हैं। वह मंगलवार रात को बीजिंग पहुंचे थे। उनके इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना तथा व्यापारिक भागीदारी को बढ़ाना है।