भगवान राम के जन्म स्थल अयोध्या में Ram Mandir बनकर तैयार हो गया है और मंदिर में 22 जनवरी को श्रीराम की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस प्राण प्रतिष्ठा के समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भगवान राम की प्रतिमा की आंखों पर से पर्दा हटाया जाएगा तो सबसे पहले PM Narendra Modi ही सामने होंगे। पीएम मोदी को अपनी इस उपस्थिति का महत्व पता है, इसलिए प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिनों तक उपवास कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: Kalaram Temple: यहां विराजमान हैं काले रंग के भगवान राम, आज भी होते हैं भक्तों को दर्शन
11 दिनों तक उपवास करेंगे PM Modi
PM Modi ने अपने उपवास की शुरुआत भगवान राम से जुड़े पंचवटी स्थान से 12 जनवरी से शुरू कर दिया है। उपवास के दौरान एक मनुष्य के लिए सनातन धर्म में जो नियम बताए गए हैं उन सभी का पालन नरेंद्र मोदी करेंगे। सनातन धर्म को मानने वालों के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि आज देश के प्रधानमंत्री के पद पर ऐसा व्यक्ति विराजमान है, जिसका सनातन धर्म में इतना भरोसा है। कई लोग पीएम मोदी को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं कि वह मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे तो यह शुभ नहीं होगा। लेकिन पीएम के प्रति जो आस्था है उसके आगे ऐसे अंधविश्वास खत्म हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें: श्री राम ने ली थी 'सरयू नदी' में जल समाधि, तभी से जुड़ गया एक बड़ा रहस्य
PM Modi ने सभी धर्मां का किया सम्मान
आजादी के आजाद होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री के पद पर कैसे कैसे व्यक्तित्व बैठे है सबने देखा है। धर्मनिरपेक्षता की आड़ में सनातन धर्म को लगातार नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन आज सनातन धर्म के प्रतीक के तौर पर प्रधानमंत्री के पद पर नरेंद्र मोदी बैठे हैं, यह सिर्फ भारत के लिए ही महत्व की बात नहीं है, बल्कि दुनिया भर के लिए महत्वपूर्ण है। दुनिया में जितने भी धर्म और संस्कृति हैं उसमें सनातन संस्कृति ही सभी संस्कृतियों को साथ लेकर चलने की क्षमता रखती है।
यह भी पढ़े: इस RAM प्लान के सहारे लोकसभा चुनाव जीतेगी BJP, मुस्लिम भी है लक्ष्य
ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश की
यही वजह है कि अपने धर्म का पालन करते हुए PM Modi श्रीराम की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा करवा रहे हैं तो मुसलमानों की अकीदत वाली अजमेर स्थित दरगाह में ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश करवा रहे हैं। पीएम मोदी के 11 दिवसीय उपवास के दूसरे दिन 13 जनवरी को अजमेर में ख्वाजा साहब की मजार पर पीएम मोदी की ओर से चादर पेश की गई।
PM Modi ने रखा सबका ध्यान
पीएम ने यह चादर अपने हाथों से मुस्लिम धर्मगुरुओं और दरगाह से जुड़े खादिमों को सौंपा। इससे सनातन धर्म की शिक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि विदेशी आक्रमण के समय ऐसा शिक्षा का असर होतो तो सनातन धर्म के मंदिरों को तोड़ा नहीं जाता। इसे सनातन धर्म की महानता कहा जाएगा कि आज भी सभी धर्मों की परंपराओं का पालन प्रधानमंत्री की ओर से किया जा रहा है। दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश होगा, जहां सभी संस्कृतियों का सम्मान होता है। पीएम ने राम मंदिर को लेकर कभी राजनीति नहीं कि लेकिन इसके बाद विपक्षी दल ऐसे आरोप लगाता रहता है और 11 दिन का उपवास उनकी आस्था को बता रहा है।