राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। पूरा देश श्रीराम के आगमन की खुशियां मना रहा है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि राम मंदिर के 2000 फीट नीचे एक खास चीज़ को गाड़ा जा रहा है। जिससे आने वाले वक्त में पुरातत्वविदों को राम मंदिर निर्माण के बारे में सटीक तथ्य और जानकारी मिल सके। टाइम कैप्सूल कही जाने वाली इस रहस्यमयी चीज़ के बारे में हम आपको कुछ अहम जानकारी बताने जा रहे हैं।
यह भी पढ़े:Jaipur से Ayodhya के लिए Bus, टिकट किराया और दूरी, जानिए सबकुछ
क्या होता है टाइम कैप्सूल?
टाइम कैप्सूल साइंस की भाषा में सूचनाओं का एक ऐतिहासिक भंडार कहा जा सकता है। यानी किसी भी स्मारक या निर्माण के बारे में आगामी पीढ़ी तक सटीक जानकारी पहुंचाने का तरीका। इसकी मदद से आने वाली पीढ़ियां किसी विशेष युग, समाज और देश के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। अमूमन टाइम कैप्सूल इमारतों की नींव में रखे जाते हैं। यह एल्यूमीनियम, स्टेनलेस स्टील या तांबे जैसी धातुओं से बना होता है। संदेश लिखने के लिए एसिड-मुक्त कागज यूज किया जाता है ताकि वह कागज हजारों वर्षों के बाद भी सड़े नहीं बल्कि वैसा ही रहे। जैसे मिस्त्र वाले ममी बनाते है वैसे ही इसे हम समझ सकते हैं।
यह भी पढ़े:समंदर के अंदर बनेगा Ram Mandir, 100 किलो वज़न बांधकर उतरेगा कलाकार
कौनसी भाषा में संदेश लिखा जायेगा?
टाइम कैप्सूल के भीतर अयोध्या, भगवान राम और उनके जन्म स्थान के बारे में संस्कृत में एक संदेश लिखा हुआ होगा। टाइम कैप्सूल को राम मंदिर के 2000 फीट नीचे रखने से पहले एक तांबे की प्लेट के अंदर रखा जाएगा। संस्कृत को इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें कुछ शब्दों में लंबे वाक्य लिखे जा सकते है यानी कम शब्दों में ज्यादा बात।
यह भी पढ़े:Ram Mandir को लेकर Jhameli Baba ने की थी भीष्म प्रतिज्ञा, 31 साल बाद अब अन्न खाएंगे अन्न