जयपुर। माता हारी इस दुनिया में एक ऐसा नाम है जिसको जब गोली मारकर मौत की सजा दी गई तो वो मुस्कुराती रही। इतना ही नहीं बल्कि उसने मौत की सजा के दौरान खुद का चेहरा ढंकने से मना कर दिया। माता हारी को मारने के लिए 12 सैनिक सामने खड़े थे लेकिन वो मुस्कुरा रही थी। उसके हाथ खंभे से बांधे जाने थे लेकिन उस युवती ने एक हाथ ही बंधवाया। उसने अपना केस लड़ने वाले वकील का दूसरे हाथ से अभिवादन किया और आखिरी सलाम किया। इसके बाद अचानक इशारा मिलते ही धांय-धांय की आवाज हुई और 41 साल की खूबसूरत युवती माता हारी का शरीर झुक गया। आपको बता दें कि माता हारी दुनिया की सबसे खूबसूरत जासूस रही हैं।
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ये थीं जासूस माता हारी
जासूस माता हारी के पिता बड़े व्यापारी थे लेकिन बाद में दिवालिया हो गए। 18 साल की उम्र में उनकी शादी नीदरलैंड आर्मी के एक अधिकारी से हुई। उनके दो बच्चे हुए, जिसमें से पहले की मौत जन्म के बाद पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा। वो नीदरलैंड लौटने आईं और 1907 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद वो पेरिस चली गईं और वहां स्ट्रिपटीज डांसर बन गईं। यहीं से पूरा खेल शुरू हुआ और फ्रांस की जारूस बन गई।
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छिड़ गया था प्रथम विश्व युद्ध
जब माता हारी फ्रांस आई तो पहला विश्व युद्ध छिड़ चुका था। उस समय यूरोप में माता हारी मशहूर हो चुकी थीं। इसके बाद फ्रांस की सरकार ने उन्हें अपना जासूस बना लिया था। उनकी बदौलत फ्रांस को जर्मन फौज और वहां के अफसरों के कई राज मिले।
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ये था माता हारी का जासूस कोड
आपको बता दें कि पैसे कमाने के चक्कर में माता हारी फ्रांस की जानकारियां जर्मनी की सरकार को लीक करने लगी थीं। कुछ समय तक ठीक चला लेकिन उनके इस तरह धोखा देने की बात जर्मनी और फ्रांस दोनों को पता चल गईं। फ्रांस की सेना ने उनका कोड नेम एच-21 रखा था जो जर्मन सरकार को सूचना लीक करने पर फ्रांस को मिल गया। इसके बाद पेरिस में एक लग्जरी होटल से उन्हें हिरासत में लिया गया था। इसके बाद 5 महीने तक उनके खिलाफ मामला चला। उन्हें 50,000 फ्रेंच सैनिकों की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया।
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माता हारी को ऐसे दी गई मौत
इसके बाद 25 जुलाई 1917 को फ्रांस की मिलिट्री गवर्नमेंट ने माता हारी को जासूसी का दोषी ठहरा दिया। अपने नागरिक को बचाने के लिए डच सरकार ने भी कुछ नहीं किया। माता हारी के आखिरी कुछ महीने मुश्किल भरे रहे। उन्हें ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था, जेल की काल कोठरी में कीड़े-मकोड़े थे। फ्रांस के सैनिकों के गोली मारने के बाद भी उनका नाम कभी खत्म नहीं हुआ। क्योंकि उन पर अभी भी फिल्में बनाई जाती है और दिखाई जाती हैं।