Subhash Chandra Bose Death Mystery: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 23 January 2024 को 127वीं जन्मतिथि है। ओडिशा के कटक में 23 जनवरी 1897 को उनका जन्म हुआ था, लेकिन उनकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है। नेताजी की मृत्यु को लेकर अलग-अलग दावे किये जाते रहे है, लेकिन हकीकत अभी भी दूर है। Subhash Chandra Bose की जयंती को भारत सरकार की तरफ से देशभर में 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
अंग्रेजों की गुलामी को नकार दिया
अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर देने वाले 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस' एक संपन्न बंगाली परिवार से ताल्लुक रखते थे। वे सात भाई और छह बहनें थीं। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता प्रभावती देवी थीं। अंग्रेजों की गुलामी को नकारने के बाद नेताजी ने 'आजाद हिंद फौज' का गठन किया।
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अंग्रेजों के लिए बन गए थे सिरदर्द
Azad Hind Fauj के जरिए सुभाष चंद्र बोस ने देशभर से क्रांतिकारी युवाओं को इकठ्ठा किया और अंग्रेजों को दांतों तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया था। ब्रिटिश शासकों में नेताजी के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कभी पकडे नहीं गए और आज भी उनकी मृत्यु रहस्य बनी हुई हैं।
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कैसे हुई थी सुभाष चंद्र बोस की मौत?
सरकारी दस्तावेजों में Netaji Subhash Chandra Bose की मृत्यु 18 अगस्त 1945 को एक विमान हादसे में बताया गया है। कहा जाता है कि नेताजी विमान में बैठ कर मंचुरिया जा रहे थे। इस दौरान विमान लापता हो गया था। विमान का अंत तक कुछ पता नहीं चला और मान लिया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उस हादसे में देश ने खो दिया। वो दिन था और आज का दिन हैं, Netaji Subhash Chandra Bose को ना तो किसी ने जीवित देखा और ना मृत।