Rajasthani Film Gopa The Freedom Fighter: जैसलमेर के क्रांतिकारी सागरमल गोपा (Sagarmal Gopa) ने वतन की स्वतंत्रता की खातिर अपनी जान दे दी थी। आजादी के दीवाने व जैसलमेर में गुंडाराज पुस्तकों से अंग्रेजी व सामंती शासन की पोल खोलने वाले गोपा ने सम्पूर्ण पश्चिमी राजस्थान (Western Rajasthan) में क्रांति की लहर पैदा कर दी थी। उन्होंने सौगंध खाई थी कि वे कभी अंग्रेजों की दासता स्वीकार नहीं करेंगे।
जैसलमेर के भारत विलय में रहा योगदान
जैसलमेर के भारत विलय में क्रांतिकारी सागरमल गोपा का बड़ा योगदान रहा था। वहां के सामन्ती शासक जवाहर सिंह ने बदले की भावना से गोपा के साथ अमानवीय व्यवहार किया और उन्हें जेल में जिन्दा जला दिया गया। यह फिल्म जैसलमेर के उसी क्रांतिकारी गोपा की कहानी को बयां करती हैं।
जैसलमेर महाराजा से ले ली थी नाराजगी
भारत को मिली आजादी से पहले 3 नवंबर 1900 को सागरमल गोपा का जन्म राजस्थान के जैसलमेर में हुआ। उनके पिता का नाम अखेराज गोपा था, जो सामन्ती शासक जवाहर सिंह के दरबारी हुआ करते थे। गोपा ने अपने क्रांतिकारी भाषणों और लेखों से जैसलमेर महाराजा जवाहर सिंह से नाराजगी कर ली।
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मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिए गए
4 अप्रैल 1946 के दिन थानेदार गुमानसिंह ने मिट्टी का तेल डालकर Sagarmal Gopa को जिंदा जला दिया। सन 1986 में भारत सरकार ने उन पर एक डाक टिकट जारी किया था। गोपा ने तीन किताबे भी लिखी, जिसमें 'जैसलमेर का गुंडा राज', 'रघुनाथ सिंह का मुकदमा' और 'आज़ादी के दीवाने' शामिल है।
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यहां देखें फिल्म गोपा द फ्रीडम फाइटर
सागरमल गोपा की देशभक्ति पर राजस्थानी सिनेमा में एक बेहतरीन फिल्म बनी है, जिसका नाम है 'गोपा द फ्रीडम फाइटर।' इस फिल्म को दो भागों में बनाया गया है। इस 26 जनवरी आप इस फिल्म को जरूर देखें। यकीनन आपका दिल देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो जाएगा।
Gopa The Freedom Fighter (Part 1)