जयपुर। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। इन राज्यों में अपनी सरकार बनाने समेत केंद्र में वापसी करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ताल ठोक दी है। इसके लिए कांग्रेस का 85वां महाधिवेशन आज से छत्तीसगढ़ के रायपुर में शुरू हो गया है। 3 दिन तक चलने वाली इस बैठक के दौरान राजनीति, अर्थव्यवस्था समेत कई विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसमें पार्टी द्वारा क्षेत्रीय दलों की दबाव की राजनीति से निपटने समेत भाजपा को मात देने फॉर्मूला तलाशेगी।
2023 और 2024 का में जीत के लिए ऐजेंडा
कांग्रेस पार्टी का यह अधिवेशन ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा जब कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावी तैयारी जोरों पर है। कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ अपनी सरकार की वापसी करने समेत कर्नाटक और मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए तगड़ा मंथन करने जा रही है। वहीं, झारखंड, बिहार और तमिलनाडु में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है। 2018 में कांग्रेस इन चारों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही थी, लेकिन एमपी और कर्नाटक हाथ सेस निकल गए।
सामाजिक न्याय, युवा और किसान पर चर्चा
कांग्रेस रायपुर अधिवेशन में अपनी मौजूदा सत्ता को बचाए रखते हुए बाकी दोनों ही राज्यों पर काबिज होने की रणनीति की रूप रेखा तैयार करेगी। ऐसे में कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर व्यापक रूप रेखा तैयार करेगी। कांग्रेस ने अधिवेशन में जो भी मुद्दे रखें है, उससे पार्टी की रणनीति को समझा जा सकता है। कांग्रेस राजनीति, अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक न्याय, युवा और किसान के मुद्दे पर चर्चा करेगी।
दिखेगी विपक्षी एकता की तस्वीर
कांग्रेस का यह महाधिवेशन ऐसे समय हो रहा है कि जब आगामी लोकसभा चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है और विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में लगातार चर्चा हो रही है। विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। 2024 में कांग्रेस विपक्षी एकता के नाम पर क्षेत्रीय दलों की दबाव की राजनीति से निपटने का फॉर्मूला भी तलाशेगी। इसमें यह भी तय किया जाएगा कि देश के किस राज्य में किस पार्टी के साथ किस तरह का गठबंधन हो और सहयोगी दलों से रिश्ता किस हद तक रखा जाए।
अशोक गहलोत की भूमिका
इस अधिवेशन में तैयार फॉर्मूले के आधार पर राजस्थान में अशोक गहलोत अपनी रणनीति तैयार करे सरकार की वापसी करने की तैयारी करेंगे। इस बैठक में राजस्थान कांग्रेस की आपसी कलह को सुलझाने व भाजपा से निपटने का जबरदस्त फॉर्मूला निकलकर सामने आएगा। जिसको टक्कर देने के लिए भाजपा भी कमर कस चुकी है।