जयपुर। भारतीय चुनाव आयोग ने पार्टी के स्टेटस को लेकर बड़ा फैसला लिया किया है. इसके तहत 3 बड़ी पार्टियों- राष्ट्रवादी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया है. चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों को 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे लेकिन वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और इसी वजह से उनका यह दर्जा वापस ले लिया गया. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस पार्टी को कौनसी शर्तें पूरी करने पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है। इसके अलावा यह भी जानते हैं कि नेशनल पार्टी का दर्जा खाने पर उससें क्या-क्या सुविधाएं छीन ली जाती हैं-
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ये हैं राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के नियम
1- पार्टी को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिलना चाहिए.
2- 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीत ली हों.
3- 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल कर लिए हों.
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राष्ट्रीय पार्टी को मिलते हैं फायदे
1- दल देश में कहीं भी चुनाव लड़ सकेगा, किसी भी राज्य में उम्मीदवार खड़ा कर सकेगा.
2.- दल को पूरे देश में एक ही चुनाव चिह्न आवंटित हो जाता है यानी वह चिह्न दल के लिए रिजर्व हो जाता है, कोई और पार्टी उसका इस्तेमाल नहीं कर सकेगी.
3- चुनाव में नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवार के साथ एक प्रस्तावक होने पर भी मान्य किया जाएगा.
4- चुनाव आयोग मतदाता सूची संशोधन पर दो सेट मुफ्त में देता है. साथ ही उम्मीदवारों को भी मतदाता सूची मुफ्त में देता है.
5- पार्टी दिल्ली में केंद्रीय दफ्तर खोलने का हकदार हो जाता है, जिसके लिए सरकार कोई बिल्डिंग या जमीन देती है.
6- दल चुनाव प्रचार में 40 स्टार कैंपेनर्स को उतार सकेगी. स्टार प्रचारकों पर होने वाला खर्च पार्टी प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल नहीं होगा.
7- चुनाव से पहले दूरदर्शन और आकाशवाणी के जरिए जन-जन तक संदेश पहुंचाने के लिए एक तय समय मिल जाता है.
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राष्ट्रीय दल नहीं रहने पर छीन ली जाती हैं ये सुविधाएं
1- ईवीएम या बैलट पेपर की शुरुआत में दल का चुनाव चिह्न नहीं दिखाई देगा.
2- चुनाव आयोग जब भी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाएगा, तो यह जरूरी नहीं कि उस पार्टी को भी बुलाया जाए.
3- पॉलिटिकल फंडिंग प्रभावित हो सकती है.
4- दूरदर्शन और आकाशवाणी में मिलने वाला टाइम स्लॉट छिन जाएगा.
5- चुनाव के दौरान स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटकर 20 हो जाएगी.