जयपुर। भारत की तरफ से बॉर्डर पर चीन की हरकतों को देखते हुए कश्मीर समेत देश में कई जगहों पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई सड़कें बनाई जा रही हैं। आपको बता दें कि श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऐसी ही 2 सुरंगें बन रही हैं। इसकी मदद से चीन और पाकिस्तान से लगे इलाकों तक सैनिकों की आवाजाही आसान हो जाएगी।
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हर मौसम में आवाजाही संभव
करगिल और पूर्वी लद्दाख के बॉर्डर वाले क्षेत्रों में सेना और साजोसामान की आपूर्ति के लिहाज से दोनों सुरंगों से काम काफी आसान हो जाएगा। बर्फबारी हो या बारिश किसी भी मौसम में आवाजाही संभव हो सकेगी।
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जोजिला दर्रा का 40 फीसदी काम पूरा
कश्मीर घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग का काम तेजी से हो रहा है। करीब 40 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसके बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और पर्यटन में फायदा होगा।
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ग्लेशियर के नीचे जेड़ मोड़ सुरंग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुरंग का निरीक्षण करने पहुंचे थे। श्रीनगर-जोजिला मार्ग पर ग्लेशियर के नीचे से यह 6.5 किमी लंबी सुरंग गुजरेगी। सेंट्रल कश्मीर में गांदरबल के गगनगीर को यह सोनमर्ग से जोड़ेगी। इस प्रोजेक्ट की कुछ सुरंगें जेड आकार की हैं। मुख्य सुरंग की ऊंचाई करीब 11 मीटर है। 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इस सुरंग से गाड़ियां गुजर सकेंगी।
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सिर्फ 20 मिनट में तय होगा 3 घंटे का सफर
जोजिला दर्रे को तब 20 मिनट में तय किया जा सकेगा, जिसमें अभी करीब 3 घंटे लग जाते हैं। जोजिला टनल एशिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर है। यह 2020 से बनना शुरू हुई और 2026 में बनकर तैयार हो जाएगी। यह 13.14 किमी लंबी सुरंग होगी।
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जोड़ मोड़ सुरंग के हैं फायदे
1- जेड आकार की वजह से ये नाम रखा गया
2- इस साल के अंत तक बन सकती है सुरंग
3- भारी हिमपात और हिमस्खलन से लोग बचेंगे
4- सालभर कनेक्टिविटी मिलेगी
5- पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा
6- इमर्जेंसी की स्थिति में एक बचाव टनल भी है
7- टनल से एक घंटे में 1,000 गाड़ियां निकल सकेंगी