मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई है। इन सभी योजनाओं के सुचारू तौर पर संचालन के लिए अपने-अपने विभागों के मंत्रियों को ही जिम्मेदारी सौंपी है। फिर गहलोत की खाचरियावास से ऐसी क्या नाराजगी कि उनसे उन्हें के विभाग की योजना को छीनकर किसी दूसरे विभाग को उसकी जिम्मदेदारी दे दी।
हुआ यूं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता के लिए मुफ्त राशन किट वितरण योजना शुरू की है। यह योजना खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा संचालित की जानी थी। इस विभाग के प्रमुख प्रतापसिंह खाचरियावास है। लेकिन सरकार ने यह योजना इस विभाग से दूसरे विभाग को स्थानांतरित कर दी। जिससे खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास नाराज हो गए है।
कॉनफैड को सौंपी जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग से मुफ्त राशन किट वितरण योजना को राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (CONFED)को स्थानांतरित कर दी है। अब यह योजना कॉनफैड द्वारा जनता तक पहुंचाई जाएगी। वहीं खाचरियावास का मानना है कि सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना कॉनफैड के पास यह काम रखने को लेकर लाबिंग में जुटे हैं।
बंद करे मेरा विभाग
प्रताप सिंह खाचरियावास अपने विभाग की योजना के चले जाने से नाराज है। उन्होनें कहा कि जिस विभाग की योजना है उसी से वापस ले ली है तो ऐसे में विभाग का कोई काम नहीं रहता। इस विभाग को ही बंद कर देना चाहिए। मेरे विभाग द्वारा ही राशन का गेंहू वितरीत किया जा रहा है। इसलिए राशन किट बांटने का काम भी मेरा विभाग अच्छे से कर पाएगा। साथ ही उन्होनें यह भी कहा कि कॉनफैड तो पहले से ही बहुत गलतियां कर रहा है। उसे इस योजना का काम कैसे दिया जा सकता है।
क्या है मुफ्त राशन किट वितरण योजना
बजट 2023-24 में गहलोत ने इस योजना की घोषणा की है जिसे 1 अप्रैल से संचालित किए जाने की तैयारी की जा रही है। इस योजना में ऐसे गरीब परिवारों को हर महीने एक किट पहुंचाया जाएगा जिन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं मिलता है। इस किट में तेल, मिर्च पाउडर, धनिया, हल्दी, जीरा, नमक, आटे सहित आवश्यक सामग्री होगी। सरकार इस योजना पर 3 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। योजना में एक किट की लागत करीब 400 रुपए हो सकती है।