जयपुर। जयपुर कॉलम (Jaipur Column) या जयपुर स्तंभ (Jaipur Stambh) भारत के राष्ट्रपति भवन (President House) के प्रांगण में स्थित है जो उसकी शान है। जयपुर कॉलम की ऊंचाई 145 फीट है और यह राष्ट्रपति भवन के मुख्य द्वार से लगभग 555 फीट की दूरी पर स्थित है। जयपुर स्तंभ को अंग्रेजी आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। वहीं, जयपुर के महाराजा माधो सिंह ने जयपुर स्तंभ (Jaipur Stambh) का खर्चा उठाया था। जयपुर स्तंभ का निर्माण भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली में स्थानांतरित करने और ब्रिटिश शासन के प्रति जयपुर रियासत की निष्ठा के प्रतीक के रूप में किया गया था।
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जयपुर स्तंभ की खूबियां
राष्ट्रपति भवन स्थित जयपुर स्तंभ बलुआ पत्थर (Jaipur Stambh kis Patthar se Bna hai) से बना है और कई कलाकृतियां उकेरी गईं हैं। जयपुर स्तंभ के शीर्ष पर 5 टन का कांस्य कमल है, जिसमें से भारत का 6 कोणीय सितारा निकलता है, यह सितारा कांच से बना है। इसके साथ ही इस पर शाही चील की आकृति भी बनी है, जो स्तंभ के आधार पर चारों कोनों को सुशोभित करती है। जयपुर स्तंभ के अंदर एक स्टील ट्यूब चलती है, जो कमल और सितारे को नींव के एक ब्लॉक से बांधती है। जयपुर कॉलम के 3 किनारों से होकर गुजरने वाले शिलालेख में शब्दों को भी आलेखित किया गया है। इस पर लिखा है विचार में विश्वास, शब्द में ज्ञान, कर्म में साहस, जीवन में सेवा, तो भारत महान हो सकता है।
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जयपुर कॉलम के सामने हर शनिवार होता है चेंज ऑफ गार्ड समारोह
आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन स्थित जयपुर स्तंभ (President House Jaipur Stambh) के सामने प्रत्येक शनिवार को फोरकोर्ट में चेंज ऑफ गार्ड समारोह होता है। यह एक पारंपरिक सैन्य अभ्यास है जिसमें पुराने गार्ड ड्यूटी बदलते हैं और नए गार्ड उनकी जगह आते हैं। यहां पर प्रत्येक सप्ताह एक नई टुकड़ी को गार्ड की जिम्मेदारी दी जाती है। भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट, राष्ट्रपति के अंगरक्षक (पीबीजी), जिन्हें भारत के राष्ट्रपति के औपचारिक कर्तव्यों के साथ सौंपा गया है, तलवार और लांसर के साथ अपनी पारंपरिक पोशाक में परेड का हिस्सा बनते हैं। यह वो दृश्य होता है जो प्रत्येक भारतीय को गौरव महसूस कराता है। ज्ञात हो की साल 2012 में राष्ट्रपति की पहल पर यह समारोह आम लोगों के लिए खोला दिया गया था जो अभी भी जारी है।