Saraswati Mandir Rajasthan: इस वर्ष बसंत पंचमी का त्यौहार 14 फरवरी को मनाया जा रहा हैं। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। मां सरस्वती की पूजा के लिए एक विशेष मंदिर भी हैं, जिसके बारे में बेहद कम लोग परिचित होंगे। यह मंदिर सिरोही जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर अजारी गांव के पास मार्कंडेश्वरधाम में स्थित हैं। दूर-दूर से श्रद्धालु यहां विद्या की देवी Saraswati के दर्शन को पहुंचते हैं।
वाणी-बुद्धि विकार होते हैं दूर
गुप्तकाल में निर्मित यह मंदिर सदियों से बुद्धि और ज्ञान चाहने वालों के लिए आस्था का केंद्र रहा हैं। एक मान्यता के मुताबिक, इस मंदिर में सच्चे मन से मन्नत मांगने से वाणी संबंधी विकार दूर होते हैं। मां सरस्वती उनकी भाषा को सुधारती है और उन्हें बुद्धि का वरदान प्रदान करती हैं। यही वजह है कि, मंदिर में तुतलाने एवं मंदबुद्धि की शिकायत लेकर भक्त दर्शन करने भारी तादाद में पहुंचते है। मन्नत पूरी होने पर भक्त मां को ‘चांदी की जीभ’ अर्पित करते है।
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कवि कालिदास को मिला ज्ञान
मंदिर में मां सरस्वती की चित्ताकर्षक प्रतिमा विराजित हैं। कहते है कि, यहां बालऋषि मार्कंडेय ने यम से बचने के लिए महामृत्युंजय का जाप किया था। यह वही तपस्थल है, जहां महाकवि कालिदास ने भी ज्ञान प्राप्त किया था। मां सरस्वती के इस दर्शनीय स्थल पर हजारों भक्त पूजा-अराधना करते हैं।
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बसंत पंचमी पर लगता हैं मेला
मां सरस्वती के इस पावन स्थल पर सालभर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। लेकिन बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर धाम में एक खास रौनक बनी रहती है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का मेला भरता है। साथ ही मंदिर परिसर में हवन यज्ञ कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।