डॉ उरुक्रम शर्मा
अजीब समय चल रहा है, गजब प्रतिबद्धता है। है नही तो सिर्फ समर्पण। हो भी कैसे सकता हैं कैसे अपेक्षा भी की जा सकती है राजनीति में। वो भी चुनाव में। वो भी टिकट के मामले में। बाबू सब बिकाऊ है यहां। पद भी बिकता है और टिकट भी। रोज देने वाले चिल्लाते हैं, इन मसलों को लेकर। जिसको दाम देकर पद या टिकट मिल जाता है, वो संघटन का सबसे बड़ा झंडा लेकर घूमता है। बाकी चाहे अंधेरे में अटैची से घर भरता है। ये कटु सत्य है, इस से इंकार वो ही कर सकता है, जिसे कक्का भी नही आता।
वैसे राजनीति में जिसे कुछ नहीं आता, वो ही सबसे बड़ा राजनीतिज्ञ होता है। गणित तो ऐसे लगाते हैं, जैसे चाणक्य भी उनका शिष्य रहा हो।भाई, नेताओं के प्रति अंधे रहो, लेकिन नेता आपको चूस कर फेंक देंगे। जब आपका वक्त आएगा, तब आपको पहचानेगे भी नहीं। चुनाव के समय खुले आम ऐसे कार्यकर्ताओं को हल्ला मचाते देखा गया है, जो खुलकर अपने यूज होने का शोर करते हैं। इनमे पुरुष क्या और महिला क्या। इतना सब कुछ होता है, फिर यूज होने वालों के चेहरे बदल जाते हैं लेकिन नेता के नहीं। उसकी नई टीम बन जाती है। उसका हाल भी पहले वालों के जैसे ही रहता है जनाब।
अब देखिए कांग्रेस में अशोक गहलोत फिर मुख्य मंत्री बने या सचिन पायलट। ये जनता के हाथ में है किसे ताज देगी, लेकिनपहले जीत के लिए तो एक हो जाएं सब। ये ही हाल भाजपा का है। भाजपा वाले तो तय कर बैठे हैं, सरकार उनकी बन गई। अच्छा है सकारात्मक सोचना। बाकी तो इस साल दिसंबर में सच सामने आ ही जायेगा। अब देखो, वसुंधरा जी के समर्थक उन्हें फिर मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, और वैसे ही शोर भी कर रहे हैं। जरूरत धरातल पर भी काम करने की है, ये भी समझे। मैडम का अपना कद है, जो जन नेता है। वो अपना काम कर रही है, आप तो उनके काम को मजबूत करो।
सतीश पूनिया जी और सीपी जोशी के समर्थक उन्हें अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते है और गलत भी क्या है। लेकिन आधार और धार भी मजबूत होनी चाहिए। गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव भी दौड़ में है। कार्यकर्ताओं कौन बनेगा कौन नहीं, ये तो वक्त बताएगा लेकिन जीतोगे कैसे, जिस से सरकार बनाई जा सके। उस पर काम तो करो। आपस में कुश्ती करके क्यों रायता फैला रहे हो। संघटन सबसे बड़ा है, नेता बाद में। अब नेता पहले हो गए और संघटन पीछे। सच, सब जानते हैं, मुख्यमंत्री वो ही बनेगा, जिसकी ऊपर तक सेटिंग होगी। कार्यकर्ता चीख पुकार करके मर जायेंगे।