अपने आप को सिखों का हितेषी बताने वाला कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह मोगा जिले में खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाला के पैतृक गांव रोडे से गिरफ्तार किया गया है। खुद को वारिस पंजाब दे, का प्रमुख बताने वाला अमृतपाल सिंह आखिरकार 35 दिनों की फरारी के बाद पुलिस के आगे सरेंडर करता हुआ पाया गया।
23 फरवरी को अजनाला थाने में हिंसा के बाद अमृतपाल सिंह 18 मार्च से पुलिस की रडार पर था। तभी से पंजाब पुलिस ने उसके और उसके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी से पहले भी अमृतपाल ने गुरुद्वारे में प्रवचन दिया। सिखों को भड़काने का भरपूर प्रयास किया। समाज में सांप्रदायिकता और अराजकता फैलाने में अमृतपाल ने कोई कसर नहीं छोड़ीलेकिन अब उसके पास सरेंडर करने के सिवा कोई और दूसरा रास्ता नहीं था। ऐसे में उसने मोगा में पुलिस के सामने रविवार सुबह 6:45 पर सरेंडर कर दिया।
कौन-कौन से मामले चल रहे हैं उसके खिलाफ
वारिस पंजाब दे, अमृतपाल भिंडरवाला के नक्शे कदम पर चलना चाहता था। उसने पुराने इतिहास को फिर से कुरेदने की कोशिश की है। आपातकाल की सिखों को याद दिलाने के साथ-साथ अलग खालिस्तान की मांग जैसे गंभीर और वैमनस्य फैलाने वाले मुद्दों पर उसने समाज में अराजकता, अस्थिरता और आतंकवाद फैलाने की कोशिश की है। अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने पुलिसकर्मियों पर हत्या करने तथा लोक सेवकों द्वारा कर्तव्य के वैद्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामलों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पंजाब में शांति बनाए रखने के लिए देश की एजेंसी अभी एक्टिव मोड पर है। यही नहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतपाल को स्पेशल विमान से पंजाब पुलिस डिब्रूगढ़ जेल के लिए निकल चुकी है वही उसका मेडिकल भी करवाया गया।
एक संदेश देश हित में
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी से पंजाब पुलिस ने देश हित में सोशल मीडिया पर ट्वीट जारी करते हुए गलत खबरों को प्रसारित ना किया जाए इसकी अपील की है। लोग सद्भाव और शांति बनाए रखें। फर्जी खबरें ना चलाएं क्योंकि इनसे देश का माहौल खराब हो सकता है। पुलिस ने ट्वीट कर कहा मोगा से अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है ।ऐसे में सभी शांति और सौहार्द बनाए रखें।