Gyanvapi Case: वाराणसी जिला कोर्ट ने बुधवार दोपहर करीब 3 बजे ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में पूजा का आदेश दिया था। इसके बाद तहखाने में देर रात 11 बजे मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। इसके बाद से ही काशी विश्वनाथ धाम परिसर में हलचल तेज हो गई और शाम 7 बजे जिलाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। DM और ADM ने मंदिर प्रशासन के साथ बैठक करने के बाद पूजा करने का फैसला किया।
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रात 10 बजे वा बैरिकेड हटाए गए और Gyanvapi Campus के बाहर पुलिस की घेराबंदी कर दी गई। (Gyanvapi Case) रात 2 बजे सभी लोग बाहर निकले और बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक रास्ते तैयार करने है और बैरिकेडिंग हटाने के साथ सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे है।
31 साल बाद खुला तहखाना
आधिकारियों ने देर रात ज्ञानवापी तहखाने की बाहर से ही जांच-पड़ताल की और भीड़ कम होने के बाद लोगों का प्रवेश बंद करा दिया। विश्वनाथ मंदिर के पूर्वी गेट से ट्रस्ट के कर्मचारियों को बुलाकर बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू किया। (Gyanvapi Case) विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने अंदर सफाई की और पूजा की सामग्री लाई गई। 5 पुजारी द्वारा पूजा अर्चना की गई।
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मंगला आरती की गई
ओम प्रकाश मिश्रा काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के पुजारी हैं और उन्होंने ही मंगला आरती की है। पूजा के बाद चरणामृत और प्रसाद भी दिया गया। (Gyanvapi Case) दीवार पर भगवा वस्त्र लगाकर देवी देवताओं नैवेद्य, फल और भोग लगाया और आरती उतारी। (Gyanvapi Case) इसके बाद हर दिन सभी देवताओं की आरती- सुबह की मंगला आरती, भोग आरती, शाम की आरती, देर सूर्यास्त की शाम की आरती, शयन आरती शुरू हो जाएगी।