जयपुर। खालिस्तान समर्थक और पंजाब पुलिस की तरफ से भगोड़ा अमृतपाल सिंह आखिरकार गिरफ्तार हो गया. अब उसने खुद मोगा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि वो खालिस्तानी मूवमेंट में अकेला नहीं है बल्कि 9 और लोग हैं जो उसी तरह खतरनाक साजिशें रच रहे थे. तो आइए जानते हैं इिन लोगों के बारे में जो खालिस्तानी साजिश के लिए फंडिंग से लेकर प्लानिंग तक का पूरा काम संभाल रहे थे.
पायलट के बाद अब गहलोत भी दिल्ली में डटे, जानिए क्यों नहीं दे रहा गांधी परिवार भाव
1- किरणदीप कौर
यह महिला अमृतपाल की पत्नी है. इन दोनों की इसी साल 10 फरवरी को शादी हुई है. किरणदीप को अमृतपाल को हो रही विदेशी फंडिंग की जानकारी है. खुफिया एजेंसियों को इस बात की आशंका है कि किरणदीप कौर आनंदपुर खालसा फोर्स और श्वारिस पंजाब देश् के लिए धन जुटाने का काम करती थी.पुलिस ने कथित विदेशी फंडिंग के मामले में किरणदीप कौर से करीब एक घंटे तक पूछताछ की थी.
2- तूफान सिंह
यह वारिस पंजाब दे का सक्रिय सदस्य है और अमृतपाल सिंह का बेहद करीबी भी है. खबर है कि लवप्रीत तूफान ने अमृतपाल के खिलाफ टिप्पणी करने पर एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था. यह अमृतपाल के लिए लोगों को डराने-धमकाने का काम करता था. अमृतपाल ने तूफान सिंह को रिहा कराने के लिए 24 फरवरी को अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था.
यौन शोषण पर क्या बोले, डब्ल्यू एफ आई अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और विनेश फोगाट?
3- पप्पलप्रीत सिंह
यह अमृतपाल गैंग का मेन हैंडलर है और इसी को अमृतपाल अपना मेंटर मानता है. पप्पलप्रीत के कहने पर ही अमृतपाल ने कट्टरपंथी सिख उपदेशक से एक साधारण व्यक्ति का रूप लिया. वह पंजाब में खालिस्तान का माहौल खड़ा करने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था. वह राज्य में आतंकवाद की साजिश कर रहा था.
4- दलजीत सिंह कलसी
यही वो व्यक्ति है जो अमृतपाल को पैसा मुहैया कराता था. दलजीत आईएसआई और अमृतपाल के बीच की अहम कड़ी भी है. वह पाकिस्तान के कई देशों में स्थित महावाणिज्य दूतावासों में तैनात अफसरों से संपर्क में था. विदेश से फंडिग के लिए उसने स्टर्लिंग इंडिया एजेंसी नाम की एक कंपनी बनाई थी. पड़ताल में पता चला था कि पिछले दो साल में विदेश से करीब 35 करोड़ रुपये उसने जुटाए थे. इस राशि का बहुत सा हिस्सा उसने अमृतपाल और वारिस पंजाब दे पर खर्च किया था.
सवाना और सोने के लिए जाना जाने वाला सूडान, सुलग रहा है आखिर क्यों?
5- गुरमीत सिंह
गुरमीत ने अमृतपाल के लिए लोकल नेटवर्क खड़ा करने में मदद की थी. इसके अलावा 18 मार्च को उसे भगाने में भी हर तरह के इंतजाम किए थे. पुलिस ने उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा था.
6- भगवंत सिंह
यह अमृतपाल का सोशल मीडिया मैनेजर और मीडिया कॉर्डिनेटर था. अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में उसकी बड़ी भूमिका थी. वह खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर बताता था. उसके फेसबुक पर करीब 6.11 लाख फॉलोअर थे. पुलिस ने उसके इंस्टाग्राम, यूट्यूब चौनल को ब्लॉक कर उसे एनएसए के तहत अरेस्ट किया था.
कर्नाटक में कांटे की टक्कर, कौन किस पर पड़ेगा भारी या होगी त्रिशंकु विधानसभा की तैयारी?
7- हरजीत सिंह
ये शख्स अमृतपाल का चाचा है और कट्टर खालिस्तान समर्थक नेता भी है. अमृतपाल सबसे पहले जिस कार से भागा था, उसे हरजीत ही चला रहा था. अमृतपाल दुबई में उसी के साथ काम करता था. अमृतपाल के पंजाब लौटने के कुछ महीनों के भीतर ही हरजीत भी लौट आया था. ऐसी आशंका है कि हरजीत को अमृतपाल को दुबई से पंजाब भेजने की साजिश की पूरी जानकारी थी और वह भी इसका हिस्सा था.
8- तेजिंदर सिंह
यह अमृतपाल का खास आदमी है जो हर वक्त उसकी सुरक्षा में तैनात रहता था. अजनाला केस में भी तेजिंदर आरोपी है. तेजिंदर पहले भी जेल जा चुका है. इसके खिलाफ पहले से लड़ाई और शराब तस्करी का मामला दर्ज है. तेजिंदर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो भी पोस्ट करता है.
विश्व पुस्तक दिवस मनाए जाने की शुरुआत क्यों और कब हुई?
9- बलजीत कौर
अमृतपाल जब पंजाब से फरार हुआ तो वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गया था. वह यहां 32 वर्षीय बलजीत कौर के घर पर रुका था. वह यहां 19 मार्च से 21 मार्च तक ठहरा था. रात को खाना खाते वक्त बलजीत कौर के भाई ने अमृतपाल को पहचान लिया था, लेकिन सबने मिलकर बलजीत के भाई को शांत करवा दिया था. उसका भाई एसडीएस कार्यालय में काम करता है. अमृतपाल ने बलजीत कौर और उसके भाई के फोन से कुछ नंबरों पर फोन कॉल किया था. कॉल करने के बाद मोबाइल से नंबर डिलीट कर दिया. बलजीत कौर ने एमबीए किया हुआ है. वह इंस्टाग्राम के जरिये अमृतपाल के संपर्क में आई थी.