भरतपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनों से ही घिर गए हैं। यानि की उनके माली समाज के लोग ही अब उनके गले की हड्डी बन चुके हैं। दरअसल, भरतपुर जिले के कुछ हिस्सों में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज के लोगों ने लगातार तीसरे दिन जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध रखा।
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हो सकता है चक्का जाम
पुलिस के मुताबिक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रदर्शन स्थल पर इकट्ठा होने लगे और अपने नेता मुरारी लाल सैनी की रिहाई की मांग करने लगे, जिन्हें आंदोलन से पहले 6 अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया था। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीपी सैनी ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो वे जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर देंगे। उन्होंने कहा कि हम पूरे राज्य में चक्का जाम भी कर सकते हैं।
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सीएम की पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
माली समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसी समुदाय के हैं। ऐसे में उनका अपना समुदाय की सीएम गहलोत की परेशाना बढ़ा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने भरतपुर में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
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मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
भरतपुर मंडलायुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वैर, नदबई और भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवा के सस्पेंशन को आधी रात तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जिसे और बढ़ाए जाने की संभावना है।
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आरक्षण के साथ ये भी मांग
माली समाज 12 प्रतिशत आरक्षण के अलावा एक अलग लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा की मांग कर रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हाल ही में महात्मा ज्योतिबा फुले कल्याण बोर्ड का गठन किया था और समाज सुधारक के जन्मदिन पर 19 अप्रैल को राजकीय अवकाश घोषित किया था। समुदाय ने जून 2022 में इसी तरह का विरोध किया था, जो आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था।