जापान का एक निजि यान चांद की सतह पर उतरने वाला था। जो एक निजि कंपनी आई स्पेस इंक का था। जिससे संपर्क टूटने के कारण यह चांद पर नहीं उतर सका और दुर्घटना का शिकार हो गया। यह सतह पर उतरते समय हुआ। जापान की इस कंपनी का सपना अधूरा रह गया। इस लैडर का नाम हाकुतो आर मिशन 1 रखा गया था।
आखिर कैसा था हाकुतो आर मिशन 1
जापान का हाकुतो आर मिशन 1, 7.55 फीट लंबा था। यान चंद्रमा की सतह से 6000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चांद की सतह से 100 किलोमीटर उपर था। इसकी गति को बाद में कम किया गया जब चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण ने इसे खींचना शुरू कर दिया था। इसका आकार कुछ कुछ बेसबाॅल के आकार का था। इससे पहले भारत की भी चांद पर लैंडिंग करने की कोशिश विफल हो गई थी।
प्लैन 2 पर होगा काम
जापान की खिलौने बनाने वाली कंपनी टोमी को और सोनी गु्रप ने मिलकर इस रोवर को बनाया था। इस यान के असफल होने के बाद भी जापान की ओर से 2024 के लिए नया प्लान तैयार है। जिसमें वो नासा के साथ काम कर स्पेस लैब ड्रेपर के पेलोड्स को चांद पर पहुचाया जा सके। यही नहीं प्लानिंग तो यह भी है कि चांद की सतह पर इंसानों की एक काॅलोनी भी बसाई जा सके।