जयपुर यूं तो अपने स्वाद और खास गलियों के कारण फेमस है। इसे अब केन्द्र सरकार की ओर से भी और प्रमोट किया जाएगा। स्ट्रीट फूड को हाइजेनिक बनाने के लिए देश के 100 जिलों में पायलट प्रौजेक्ट के अन्तर्गत फूड स्ट्रीट का निर्माण किया जाएगा। जयपुर के साथ अजमेर, जोधपुर, उदयपुर भी इन सौ जिलों में शामिल किए गए हैं।
सही खाओ अभियान
स्वास्थ्य मंत्रालय, आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय के सहयोग से देशभर में 100 जिलों में यह योजना लागू की जाएगी। सही खाओ अभियान के तहत इन गलियों को बनाया जाएगा। जहां पारंपरिक खाने के साथ, खाने पीने की जगह ही नहीं सड़क और क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा। जिससे वो अन्य जगहों के लिए उदाहरण के रूप में लिया जा सके। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन, नगर निगम, नगर परिषद और चिकित्सा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए राजस्थान ही नहीं देश के कई राज्यों को भी पत्र लिख कर योजना में शामिल किया जा रहा है।
पैरामीटर और प्रशिक्षण के साथ बनेगी स्ट्रीट
इस स्ट्रीट के लिए खाद्य पदार्थ विक्रेता, वेंडर एसोसिएशन का सहयोग लेकर पहले जगह का चयन होगा। फिर इसे चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसके बाद फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी निरीक्षण करेंगे। जो सही पाए जाने के बाद प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यही नहीं यहां स्वस्थ कर्मचारी, साफ-सुथरे टॉयलेट, स्वच्छ पानी और बैठने की सुविधा भी की जाएगी। यहां काम कर रहे लोगों को दस्ताने व कैप पहनना होगा। खाने में काम आ रहे तेल को बदलने की रिपोर्ट चस्पा करना। रेफ्रीजरेटर में रखे खाद्य पदार्थों पर तिथि भी लिखनी होगी।
सैलानियों को भी मिलेगा चटखारा
परंपरागत स्टाइल के स्ट्रीट फूड हमारे समाज का एक हिस्सा हैं। देश में राज्यों में अलग-अलग मौजूद है।
जयपुर के अल्बर्ट हॉल के मसाला चैक, मानसरोवर व प्रताप नगर का चैपाटी, गौरव टावर, जयपुर रेलवे स्टेशन को क्लीन स्ट्रीट फूड हब का सर्टिफिकेट मिल चुका है।
कितने जिलों में बनेगी फूड स्ट्रीट
राजस्थान के जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर के साथ महाराष्ट्र, केरल, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, यूपी, उतराखंड और वेस्ट बंगाल में चार चार स्ट्रीट बनेंगी।
दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर में तीन-तीन। गोआ में दो जगहों पर, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पुंडुचेरी, सिक्किम में एक-एक जगह फूड स्ट्रीट खुलेगी।