2017 में सुप्रीम कोर्ट में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करने के मामले में आज कथावाचक आसाराम को जोधपुर हाइकोर्ट से राहत भरी खबर मिली है। आसाराम को जोधपुर हाइकोर्ट ने जमानत दे दी है। आसाराम मामले की सुनवाई जस्टिस कुलदीप माथुर ने की। वहीं अधिवक्ता नीलकमल बोहरा और गोकुलेश बोहरा ने आसाराम का पक्ष कोर्ट में रखा। लेकिन अभी वो जेल से बाहर आ पाएगा या नहीं इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
जेल से नहीं आ पाएंगे बाहर, अन्य मामलों में मिल चुकी सजा
नाबालिग छात्रा से रेप करने वाले आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसी के चलते जमानत मिलने के बाद भी वह जेल से बाहर नहीं आ पाएगा। बता दें कि वर्ष 2017 में आसाराम ने जोधपुर जेल की डिस्पेंसरी का सर्टिफिकेट पेश किया था जिसमें आसाराम की कई सारी बीमारियों के बारे में उल्लेख किया गया था। जब उस सर्टिफिकेट की जांच की गई तो पता चला कि वह फर्जी सर्टिफिकेट है।
इसी मामले में जोधपुर के रातानाड़ा थाने में आसाराम को आरोपी माना गया था। इसके बाद आसाराम के पैरोकार रविराय पर एफआईआर दर्ज हुई। फिर आसाराम को 18 जनवरी को सीजेएम मेट्रो कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर आसाराम को आरोप सुनाए और उसके बाद आसाराम के वकील ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी। जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई।
आपको बता दें कि कथावाचक आसाराम को रेप के मामले में जमानत नहीं मिली है। यह जमानत उन्हें पैरोकार की ओर से फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में मिली है। इस जमानत के बाद उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट आगे की किसी भी प्रकार की कार्यवाही में झूठे दस्तावेज पेश करने का मामला नहीं उठाएगा।