बिलकिस बानो गैंगरेप में 11 दोषियों को समय से पहले रिहाई देने के फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस फैसले के खिलाफ बिलकिस बानो ने याचिका दाखिल की थी। पिछली बार इस केस में 18 अप्रैल को सुनवाई की गई थी। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे और गुजरात सरकार की ओर से फाइल पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई थी। इस दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सरकार से दोषियों की रिहाई का कारण पूछा था।
15 अगस्त को किया था दोषियों को रिहा
बिलकिस ने याचिका दायर की थी जिसमें उसने गुजरात सरकार पर समय से पहले आरोपियों को रिहा करने का आरोप लगाया था। इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गुजरात सरकार से सवाल पूछे कि जैसा बिलकिस के साथ हुआ कल को किसी के साथ भी हो सकता है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि दोषियों को रिहा करके आप समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं। एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप हुआ है और उसके रिश्तेदारों की भी हत्या कर दी गई।
बिलकिस का क्या था मामला
दरअसल 2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो के साथ रेप किया गया। इतना ही नहीं उनके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। हादसे के समय बिलकिस की उम्र केवल 21 वर्ष थी और वो 5 माह की गर्भवती थी। लेकिन गुजरात सरकार ने उन आरोपियों को सजा देने के बजाय 15 अगस्त को रिहा कर दिया। इसके बाद 30 नवंबर 2022 को बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसी मामले में आज दोपहर 2 बजे सुनवाई होने वाली है।