कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने प्रचार-प्रसार में लगी हुई है। लगातार रैलियां आयोजित की जा रही है और जनसभा को संबोधित किया जा रहा है। इसी बीच पार्टियां विपक्षियों पर हमला करने में पीछे नहीं दिख रही। लेकिन राजनीतिक पार्टियां अपनी पार्टी को मजबूत करने के चक्कर में विपक्षियों पर अमर्यादित टिप्पणी कर रही है जो राजनीतिक सियासी का मुद्दा बन जाती है। कई बार ये राजनीतिक पार्टियां चुनाव आयोग के बनाए नियमों की धज्जियां उड़ाने में भी कोई कमी नहीं रखती। इसी के चलते चुनाव आयोग ने सख्ती बरत ली है।
भाषा पर संयम बरतने की दी चेतावनी
राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती तल्खी पर चुनाव आयोग ने सख्त रूख अपनाया है। मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे के खिलाफ की जाने वाली अमर्यादित टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की। इस पर चुनाव आयोग ने एडवायजरी जारी की जिसमें राजनीतिक दलों को भाषा पर संयम बरतने की चेतावनी दी है। साथ ही यह भी कहा कि अगर भाषा का स्तर गिरा हुआ नजर आया तो ऐसे दलों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग इन दिनों राजनीतिक दलों पर पैनी नजर रखे हुए है। आदर्श चुनाव आचार संहिता के पालन में चुनाव आयोग ऐसे बयानों पर पूरी नजर रख रहा है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे की ओर से पीएम मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत की तो वहीं कांग्रेस ने भी अमित शाह, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ की ओर से भड़काऊ भाषण को इसे हेट स्पीच करार देते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।