एक तरफ जहां समलैंगिकता का विवाद सुर्खियां बटोर रहा है। वहीं दूसरी तरफ एक अच्छी रिपोर्ट भी निकल कर सामने आई है। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिक्स के डाटा के मुताबिक परिवार व्यवस्था और मूल्यों को बनाए रखने में जिन देशों ने अग्रणी भूमिका निभाई है। उनमें एशियाई देशों का स्थान ऊपर है। इसी डाटा में तलाक की दर पर भारत अन्य सभी देशों की तुलना में सबसे अच्छे पायदान पर है।
मूल्यों को सहेजने और रिश्तो को बचाने में दुनिया में टॉप पर है, भारत। भारत में तलाक के मामले मात्र 1% हैं। वही अन्य देशों में यह प्रतिशत बहुत हाई है। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिक्स के डाटा बताते हैं। कि एशियाई देशों में रिश्ते कम टूटते हैं। जबकि वेस्टर्न कंट्री, यूरोप ,अमेरिका में परिवार विखंडित हो रहे हैं। भारत के बाद सबसे कम अनुपात में अगर तलाक होते हैं। तो वह है वियतनाम। वियतनाम का प्रतिशत 7% है। इसके बाद तजाकिस्तान 10% के साथ तीसरे पायदान पर, ईरान चौथे नंबर पर 14% के साथ और मिश्र 17% पांचवे पायदान पर है।
इस रिपोर्ट के अनुसार सबसे कम तलाक वाले देशों में भारत सहित इन देशों का स्थान है। इस डाटा के अनुसार अगर हमारे पड़ोसी देशों की बात करें, तो चीन का स्थान 44% है। वहीं जापान 35% , जर्मनी में रिश्तो के टूटने की दर 38% है। ब्रिटेन का यह आंकड़ा 41% का और अमेरिका में 45% का है। इसी के समकक्ष नॉर्दन कंट्री डेनमार्क में भी यह आंकड़ा 46% का और साथ ही दक्षिण कोरिया और इटली में भी यही अनुपात है।
रहीसी और रिश्ता
चाहे व्यक्ति हो या देश सब की स्थिति एक जैसी हो गई है। जैसे-जैसे पावर, पैसा, परिवार में स्थान बनाने लगता है। वैसे -वैसे रिश्तो का विखंडन होता जा रहा है। यही कारण है। विकास के साथ-साथ विकसित देशों में तलाक की दर निरंतर बढ़ती जा रही है। जो देश कितना अमीर है वह रिश्तो के मामले में उतना ही गरीब।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पुर्तगाल में तलाक की दर 94% है।
वहीं स्पेन जो हैप्पीनेस इंडेक्स में अग्रणी रहते हैं। वहां भी इसका स्तर ऊंचा है। लक्जमबर्ग कहां पीछे रहने वाला है। उसमें भी 79 प्रतिशत शादियां कारगर सिद्ध नहीं होती। यूक्रेन और रूस का हाल भी यही है। जहां तलाक का आंकड़ा 70 और 73 है।
ऐसे में रिश्तो के मूल्य को समझें ताकि तलाक की नौबत ना आए।