Sarwar Sharif URS 2024: मुसलमानों के लिए उर्स का महत्व भी किसी त्योहार से कम नहीं है। हाल ही में कुंडे और शबे मेराज के बाद अब शाबान का महीना शुरु होने को है। आज 11 फरवरी 2024 को शाबान का चांद नजर आ जाएगा। शाबान के महीने में अजमेर जिले के सरवाड़ में स्थित ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में उर्स भरा जाता है। कल शाम को सरवाड़ दरगाह शरीफ के बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा (Sarwar Sharif URS 2024) चढा दिया गया है। सरवाड़ उर्स की औपचारिक शुरूआत आज से हो जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ख्वाजा फखर अजमेर वाले सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के बड़े साहबजादे यानी पुत्र है।
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सरवाड़ उर्स कब भरा जाता है?
अजमेर कोटा रोड़ पर 70 किलोमीटर दूर स्थित सरवाड़ कस्बा केकड़ी जिले में आता है। यहां पर नगरपालिका है। साथ ही सरवाड़ में एक बहुत पुराना किला भी मौजूद है। शाबान के महीने में पहली तारीख से दस तारीख तक सरवाड़ के उर्स भरते हैं। सरवाड़ दरगाह के मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ खान ने बताया कि शनिवार शाम को गांधी चौक से परंपरा के अनुसार झंडे का जुलूस 3 बजे सदर बाजार मोमिन मोहल्ला होते हुए शाम 6 बजे के लगभग दरगाह पहुंचा। दरगाह में बुलंद दरवाजा और गधी में गेट पर परंपरा के अनुसार झंडा फहराने (Sarwar Sharif URS 2024) की रस्म अदा की गई। शाबान में ही 15 वे दिन शब-ए-बारात का त्योहार मनाया जाता है।
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पुलिस-प्रशासन ने करी तैयारी
उर्स के मौके पर बड़ी संख्या में जायरीन सरवाड़ दरगाह पहुंचते हैं। जो जायरीन अजमेर आते है वो सरवाड़ जरूर आते हैं। जायरीन की बढ़ती तादाद को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्थाओं को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है। चूंकि केकड़ी खुद एक जिला बन चुका है, ऐसे में सरवाड़ उर्स की जिम्मेदारी इस बार केकड़ी जिला प्रशासन की होगी। आज से ही जायरीनों का सरवाड़ शरीफ (Sarwar Sharif URS 2024) हाजिरी देने के लिए आने का सिलसिला शुरू हो गया है। सरवाड़ उर्स के मौके पर जायरीन विभिन्न साधनों से सरवाड़ पहुंचते हैं। सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले यात्रियों की संख्या रहती हैं। कई संस्थाएं बीच रस्ते में लंगर और कई स्थाई सराय की व्यवस्था भी करती हैं। सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस हर किस्म की तैयारी कर चुकी है।