जयपुर। विश्वकर्मा क्षेत्र स्थित रोड़ नंबर 17 की जेडीए कालोनी में एक मकान में शार्ट सर्किट से आग लगने से मकान में रखा सामान पूरी तरह जल कर खाक हो गया। जिसकी सूचना मिलने पर संस्कृति बचाओ अभियान दल (Sanskriti Bachao Abhiyan) के सदस्यों ने घटना स्थल पर पहुँच कर पीड़ित परिवार का दुख बांटते हुए उन्हें खाद्य सामग्री एवं नकद सहायता की, साथ ही प्रशासन से हर संभव मदद दिलाने में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिलाया। अभियान के मुख्य संयोजक अनुभव राज शर्मा ने पीड़ित परिवार की व्यथा को कुछ इस प्रकार व्यक्त किया।
घर शब्द सुनकर होती है ये अनुभूति
घर……. यह शब्द सुनकर ही हमें एक सुखद अनुभूति होती है, एक ऐसा स्थान जो छोटा हो अथवा बड़ा पर जिसमें हमारे लिए पूरा संसार समाया होता है। हमारी सुबह से लेकर रात्रि तक का सारा संघर्ष, सारी भागदौड़ इस घर को संवारने और इस घर में रहने वाले हमारे अपनों की उन्नति एवं पालन पोषण के ईर्दगिर्द ही केन्द्रित होती है। यह घर की दिन भर की थकान के पश्चात हमारे लिए दर्दनिवारक एवं आरामगाह का काम करता है, जिसकी एक एक ईंट, एक एक कोने में रखे हर एक सामान पर हमारे अहसास और सपनों की मोहर हमारे खून पसीने की स्याही से लगी होती है। जहाँ हमारे तन को पुष्टता देने वाली अन्नपूर्णा रसोई है, जहाँ हमारे मन को संबल एवं पवित्रता देने वाला छोटा सा पूजा घर है, जहाँ एक ओर तुलसीजी की पावन छाया है, वही दूसरी ओर हमारे मेहनत से अर्जित की एक एक पाईं से चमकती माया है।
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आकस्मिक दुर्घटना की वजह से जलकर खाक
अब जरा सोचिए यदि यही घर किसी आकस्मिक दुर्घटना की वजह से जलकर खाक हो जाऐ, तो हमारे हृदय पर कैसा वज्रपात होगा, हमारे छोटे छोटे बच्चों के खिलौने, किताबें, कपड़े, घर की एक एक वस्तु, राशन का सामान, बिछौना इत्यादि सब राख हो जाऐ तो ना जाने कितनी ही रातों को हमें चैन से नींद भी नहीं आयेगी।
निर्धन ब्राह्मण परिवार के मुखिया का घर जलकर खाक
विधि की बिडम्बना वश यह दुर्घटना घटी है, जयपुर के विश्वकर्मा क्षेत्र के रोड नंबर 17 पर रहने वाले एक फैक्ट्री में पैकिंग श्रमिक का कार्य करने वाले निर्धन ब्राह्मण परिवार के मुखिया सुनील मिश्रा जी के साथ। विगत शनिवार को सुनील मिश्रा जब अपने काम पर गये हुए थे, तब शाम के लगभग 4:00 बजे करीब उनके कमरें में अचानक शार्ट सर्किट हो जाने की वजह से आग लग गयी, जो एकाएक इस प्रकार बढ़ गई कि धीरे धीरे पूरा घर इसकी चपेट में आ गया, आस पडोसियो की तत्परता से घर पर उस समय उपस्थित बच्चों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया, किन्तु अनेक प्रयासों के पश्चात भी घर में रखे सामान को नहीं बचा पाए, जिससे घर का हर छोटा बड़ा सामान इस ज्वाला की भेंट चढ़ गया।
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संस्कृति बचाओ अभियान दल ने की मदद
पांच सदस्यीय निर्धन परिवार पर हुए विधि के इस वज्रपात की सूचना संस्कृति बचाओ अभियान की विश्वकर्मा टीम के सदस्यों के माध्यम से हमें ज्ञात हुई, जिसके पश्चात आज दिन में अभियानश् के कुछ सदस्यों के साथ पीड़ित परिवार की कुशलक्षेम एवं यथा संभव सहायता के भाव लिए हम घटनास्थल पर पहुँचे। वहाँ का मंजर किसी लाक्षागृह से कम ना था, घर की सभी दीवारें एवं छत अपना रंग बदलकर स्याह हो चुकी थी, जगह जगह दरारें झांक रही थी, हर ओर घर का जलाफटा सामान सुलग रहा था। जली हुई किताबों के जले हुए पन्ने निहारती 9 साल की मासूम बच्ची के मनोभाव देखकर हृदय विर्दीण हो गया। हमारे वहाँ पहुँचते ही कई नजरें एक साथ हमारी ओर उम्मीद लिए उठी।। महिलाओं ने रोते हुए अपनी व्यथा हमें सुनाई, भारी मन के साथ तत्समय यथा संभव सामग्री एवं नकद सहायता की पेशकश करते हुए, हमने प्रशासन से हरसंभव मदद दिलाने एवं क्षतिपूर्ति कराने में सहयोग करने का बीड़ा उठाया।
विषम परिस्थिति में साथ खड़ा हुआ दल
ऐसी विषम परिस्थिति में घिरे हुए परिवार को जो मदद मिले वह कम है फिर भी प्रभु श्री राम की कृपा से श्संस्कृति बचाओ अभियानश् दल की ओर से महिने भर का राशन एवं खाद्य सामग्री तथा कुछ नकद सहायता राशि पीड़ित परिवार को उपलब्ध करवाईं गई है। और आगे भी मदद जारी रहेगी। यही आशा करते हैं कि भगवान् शीघ्रातिशीघ्र पीड़ित परिवार को इस सदमे से उबरने की शक्ति प्रदान करेंगे और मिश्रा परिवार एकबार फिर से मुस्कुरायेगा।