आम तौर पर Elon Musk और Tesla का नाम दिमाग में आते ही अरबों-खरबों रुपए की केल्कुलेशन होने लगती है। लेकिन क्या आप विश्वास करेंगे कि एलन मस्क ने सिर्फ 12 लाख रुपए के लिए कोर्ट में जंग लड़ी। जी हां, ऐसा हकीकत में हुआ है और उनकी कंपनी ने सिर्फ 12000 पॉन्ड (भारतीय मुद्रा में करीब 12 लाख रुपए) के लिए पूरी मेहनत भी की।
यहां पढ़ें क्या है Tesla Vs. Tesla मामला
हम सभी जानते हैं कि एलन मस्क के लिए Tesla ब्रांड कितना लकी साबित हुआ है। आज दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों में टेस्ला पहले नंबर पर है। यह खेल भी इसी नाम से जुड़ा है। टेस्ला शब्द को लेकर ही मामला कोर्ट-कचहरी तक पहुंचा और फैसला मस्क के पक्ष में हुआ।
ब्रिटेन के ग्रेट मेनचेस्टर में रहने वाले Amaj Ali ने एक चिकन शॉप खोली। वर्ष 2020 में उन्होंने इसका नाम Tesla Chicken & Pizza रखा। इसके लिए उन्होंने बाकायदा नाम ट्रेडमार्क भी करवा लिया। हालांकि तक तक मस्क की कंपनी ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
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फिर एक दिन टेस्ला को पता कि उसके नाम से एक छोटी सी चिकन शॉप चल रही है। बस इसी मुद्दे पर वह कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में अमनजे अली ने कहा कि वह मस्क या टेस्ला कारों के बारे में नहीं जानते बल्कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक Nikola Tesla के फैन हैं, इसीलिए उन्होंने इस ट्रेडमार्क को लिया है।
अली के इस तर्क पर टेस्ला ने कोर्ट में एलन मस्क द्वारा वर्ष 2018 में किया गया एक ट्वीट प्रस्तुत किया। इसमें मस्क ने टेस्ला सुपरचार्जर लोकेशंस पर रेस्टोरेंट खोलने की बात कही थी। बस इसी बात पर कोर्ट ने यह अली को अलॉट किया गया ट्रेडमार्क रद्द कर दिया और उन्हें टेस्ला कंपनी को 12000 पाउंड (लगभग 12 लाख रुपए) देने का आदेश दिया।
Gonna put an old school drive-in, roller skates & rock restaurant at one of the new Tesla Supercharger locations in LA
— Elon Musk (@elonmusk) January 7, 2018