पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 12 साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री होंगे। इनसे पहले 2011 में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हीना रब्बानी खान भारत दौरे पर आई थी। बिलावल भुट्टो गोवा में आज SCO की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। पिछले कई सालों से पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है इसलिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।
गोवा में कई देशों के विदेश मंत्री होंगे एक मंच पर
गोवा में इस साल होने जा रही SCO की मीटिंग के अध्यक्ष भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर होंगे। इस बैठक में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूस के सर्गेई लावरोव के साथ ही अन्य कई मंत्री मौजूद होंगे। इस मीटिंग की खास बात यह है कि इसमें पाकिस्तान, भारत और रूस के विदेश मंत्री मंच पर एक साथ होंगे। फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी या नहीं।
SCO का मुख्य उद्देश्य सीमा विवाद को सुलझाना
गोवा में आयोजित होने वाली SCO की मिटिंग का मुख्य उद्देश्य सीमा विवाद को सुलझाना है। इसके अलावा सदस्य देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करना भी संगठन का महत्वपूर्ण काम है। SCO की स्थापना 1996 में पांच देशों रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ हुई। धीरे-धीरे अन्य कई देश इसके सदस्य बनने लगे। रूस की सलाह पर भारत भी 2017 में SCO का स्थायी सदस्य बन गया।
भारत को लेकर कई विवादित बयान भी दे चुके भुट्टो
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की एकमात्र महिला पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं जो अप्रैल 2022 में ही विदेश मंत्री बने हैं। भुट्टो भारत को लेकर कई विवादित बयान भी दे चुके हैं। हाल ही में एससीओ की बैठक के बारे में भी उन्होनें कहा कि वे भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए नहीं आ रहे हैं। उन्होनें पीएम मोदी को दिसंबर में गुजरात का कसाई कहा। भुट्टो के इस बयान का भारत ने कड़ा विरोध किया।