बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना 72वां जन्मदिन मनाया। इस बार सीएम गहलोत ने अपना बर्थडे आदिवासी लोगों के बीच जाकर मनाया। आदिवासी क्षेत्र में अपना वोट बैंक साधने के लिए कोटड़ा के घाटा गांव में जाकर स्थानीय लोगों के साथ आदिवासी अंचल में बर्थडे मनाया। उनका यह अंदाज चौंकाने वाला था। मेवाड़ के आदिवासी अंचल में युवक-युवतियों ने गहलोत की अगवानी की और पारंपरिक नृत्य-गीतों की प्रस्तुति दी। घाटा गावं में गरासिया परिवार के घर लापसी का केक काटा और पकोड़े खाए।
विद्यार्थियों से संवाद के दौरान फंसे गहलोत
अपने जन्मदिन के दिन ही सीएम गहलोत ने मेवाड़ का दौरा किया। इस दौरान वे नगर निगम के पं. दीनदयाल सभागार में प्रतिभावान जनजाति विद्यार्थियों से संवाद करने पहुंचे। इस संवाद के दौरान एक छात्रा ने गहलोत से ऐसा सवाल पूछ लिया कि कभी खुद ने भी उस सवाल की कभी उम्मीद नहीं की होगी। छात्रा ने सीएम गहलोत से पूछा कि क्या वास्तव में वो जादूगर है।
छात्रा के इस सवाल पर गहलोत उसे देखने लगे और कुछ देर बाद जवाब देने की हालात में वापस आए। फिर उन्होनें छात्रा की तरफ मुस्कुराते हुए कहा कि मेरे पिता जादूगर भी थे। उनके साथ कभी-कभी जादू किया करता था। बता दें कि राजनीति में अपना करियर शुरु करने से पहले ही अशोक गहलोत अपने पिता लक्ष्मण सिंह के साथ जादूगरी करते थे। इसी वजह से उन्हें गिलीबिली भी कहा जाता था।
सीएम गहलोत ने जन्मदिन पर पशुपालकों को दिया तोहफा
सीएम अशोक गहलोत ने अपने बर्थडे को स्पेशल बनाने के लिए पशुपालकों को खुशखबरी दी है। गहलोत सरकार ने पशुपालकों की समृद्धि के लिए ऐतिहासिक पहल बताई जा रही है। राज्य सरकार पशुपालकों की दो दुधारू भैंसों का मुफ्त बीमा करेगी साथ ही दो दुधारू भैंसों के 80000 रुपये के बीमा प्रीमियम का भुगतान सरकार करेगी। इनके अलावा पशुपालकों को मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत मिलेगा बीमा का लाभ भी मिलेगा।