Ajmer Anasagar Jheel: राजस्थान का दिल कहे जाने वाले पवित्र अजमेर शहर में कश्मीर जैसा नजारा केवल आनासागर झील के किनारे पर मिलता है। चारों तरफ से पहाड़ों से गिरे अजयमेरु नगर के बीचों बीच स्थित ये शानदार झील (Ajmer Anasagar Jheel) पहली नजर में कश्मीर की डल झील जैसा अनुभव देती है। किसी जमाने में दुर्दशा झेल रही आनासागर झील इन दिनों शानदार चौपाटी और सेवेन वंडर की सौगात के चलते सैलानियों से सरसब्ज़ रहती हैं।
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Anasagar Jheel Ajmer
आनासागर झील अजमेर के बीच में स्थित है। 1137 में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के दादाश्री अर्णोराज चौहान ने इस झील का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि इसी झील के किनारे पर बैठकर ख्वाजा साहब ने इबादत की थी। मुगलकाल की सफेद संगेमरमर की बारादरी आनासागर झील (Anasagar Jheel Ajmer) की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है।
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चौपाटी और 7 अजूबे हैं यहां
आनासागर झील के किनारे पर इन दिनों अजमेर जिला प्रशासन ने शानदार चौपाटी बना दी है। साथ ही कोटा की तर्ज पर सात अजूबों का निर्माण भी आनासागार झील के किनारे पर करवाया गया है। यहां पर सैलानियों की भीड़ देखते ही बनती हैं। तभी तो हर दिन आनासागर झील चौपाटी पर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।
क्रूज और बोटिंग भी
आनासागर झील में जल्द ही गोवा की तरह की क्रूज चलता हुआ नजर आएगा। फिलहाल क्रूज पर काम चल रहा है। इसके अलावा आनासागर झील में बोटिंग की सुविधा भी मौजूद हैं। पहले के जमाने में गंदगी और धोबीघाट की वजह से लोग आनासागर झील (Anasagar Jheel Ajmer) जाने से कतराते थे। लेकिन अब चौपाटी पर रातदिन लोगों का मेला लगा रहता है।
तो चले आए अजमेर की शान आनासागर झील के किनारे पर। यहां मछलियों को दाना डालकर आत्मीय सुख मिलेगा। इसके अलावा यहां विदेशी माइग्रेटरी पंछी भी आते हैं।