Fake Medicines Ban: नकली और घटिया दवाओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार सख्त हो चुकी हैं। सरकार ने नकली-घटिया दवाओं पर रोक के लिए पहली बार दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसके तहत शहरों-कस्बों में ही नहीं, बल्कि गांवों और दुर्गम स्थानों के साथ-साथ स्कूल-कॉलेजों के आसपास की दुकानों पर भी जांच अनिवार्य कर दी हैं। इस आदेश के बाद अब हर महीने औषधि निरीक्षक को जांच के लिए कम से कम 10 नमूने इकट्ठे करने होंगे।
औषधि निरीक्षक को नौ दवाएं और एक नमूना सौंदर्य प्रसाधन या फिर चिकित्सा उपकरण का इकठ्ठा करना होगा। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 22 एवं 23 के तहत ये दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। औषधि निरीक्षक को एक स्थान से तीन नमूने लेना जरुरी होगा और जांच रिपोर्ट दिल्ली भेजनी होगी। दिशानिर्देशों के मुताबिक, सभी औषधि निरीक्षकों को अपने क्षेत्र की जनता और डॉक्टरों के साथ संपर्क में बने रहना अनिवार्य होगा।
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बनानी होगी नमूना योजना
दिशानिर्देश के मुताबिक, हर औषधि निरीक्षक को अपने नियंत्रण प्राधिकारी के परामर्श से एक नमूना योजना तैयार करनी होगी। इसमें ग्रामीण और दुर्गम स्थान भी शामिल होंगे। हर महीने और वार्षिक कार्रवाई की रिपोर्ट दिल्ली भेजनी होगी। जांच में मौसमी बीमारियों वाली दवाइयों को प्राथमिकता देनी होगी।
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सुई-शैम्पू होगी सबकी जांच
CDSCO ने औषधि निरीक्षकों से कहा है कि, बाजार में मौजूद सुई से लेकर शैम्पू तक सभी नियमों के दायरे में है। किसी भी उत्पाद का नमूना लेने से पहले उसकी मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए, ताकि प्रयोगशाला में एनएसक्यू रिपोर्ट जारी होने से पहले जांच सही तरह से की जा सके।