भयावह आर्थिक तंगी से गुजर रहे मिस्र ने अपने शहरों को बेचने का निर्णय लिया है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और कंगाली के चलते देश के राजनीतिक नेतृत्व को यह फैसला लेना पड़ा है। हाल ही मिस्र ने अपने भूमध्य सागर में स्थित कस्बे रास अल हिकमा शहर को 22 अरब डॉलर में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को बेचने का निर्णय लिया था। अब दूसरे शहर को भी बेच रहा है।
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रास अल हिकमा को कहा जाता है ‘धरती का स्वर्ग’
भूमध्य सागर स्थित यह प्राचीन अपने खूबसूरत तटों के लिए जाना जाता है। माना जा रहा है कि इस शहर को यूएई के निवेशक एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस शहर को खरीदने के लिए कई ऑफर्स आए थे जिनमें सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात के प्रस्ताव को चुना। हालांकि मिस्र सरकार द्वारा शहरों को बेचने के निर्णय का जनता ने विरोध शुरू कर दिया है।
अब सिकंदर का बसाया शहर भी बेचेगी सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मिस्र अपने प्राचीन शहर अलेक्जेंड्रिया को भी बेच रहा है। इस शहर की नींव सिकंदर ने रखी थी। तब से अब तक इस शहर पर कई सभ्यताओं और देशों का कब्जा रहा है। ऑटोमन साम्राज्य के दौर में भी इस शहर पर तुर्की का शासन था। तुर्की इस शहर के जरिए न केवल अपनी प्राचीन विरासत को संजोने का दावा कर सकेगा वरन वह इसे एक व्यापारिक स्थल के रूप में भी विकसित करेगा।
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दोनों देशों के बीच बढ़ेगी मित्रता
मिस्र के कठिन हालातों के बाद शहरों को बेचने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में कुछ हद तक सहायता मिलेगी। साथ ही दोनों देशों से संबंध भी मजबूत होंगे। आने वाले समय में देश के व्यापार को भी ग्रोथ मिल सकेगी।