सरकार ने 2022 और 2023 में प्रदेश की जनता को खुश करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। जनता के लिए कई ऐसी योजनाएं चलाई है जिनका फायदा उन्हें को मिल रहा है। सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में 'कोई भूखा न सोए' अभियान के तहत इंदिरा रसोई योजना लागू की है। यह योजना फिलहाल शहरी कस्बों में ही संचालित है।
सरकार ने इस बजट में प्रदेश में संचालित रसोईयों की संख्या को बढ़ाकर 1000 तक करने की घोषणा की है। वहीं अब गहलोत गावों तक भी इस योजना को पहुंचाने की कोशिश कर रहे है। गांवों में इस योजना के संचालन के लिए सरकार फ्री में जमीन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) या जिला परिषद सीईओ को जिम्मेदारी दी गई है।
जनसंख्या के हिसाब से तय होगी रसोई की संख्या
इस योजना को गांव में पहुंचाने के लिए शासन सचिव ने 3 मार्च को सभी कलेक्टर के नाम ऑर्डर निकाला है। गावों की जनसंख्या के अनुसार रसोईयों की संख्या का निर्धारण किया जाएगा। 5 से 10 हजार पर 1, 10 से 20 हजार पर- 2 और 20 हजार से अधिक जनसंख्या वाले कस्बे में 3 रसोई खोली जाएगी। खबरों के अनुसार ग्रामीण कस्बों में कुल 991 रसोई खोली जाने वाली है।
क्या है इंदिरा रसोई योजना
राज्य सरकार ने कोरोना काल में 'कोई भूखा न सोए' मिशन के तहत शहरी निकायों में यह योजना शुरु की जिसमें किसी भी व्यक्ति को 8रुपए में खाना मिलता है। सरकार इस पर 17 रुपए वहन करती है। इस तरह कुल 25रुपए थाली की लागत है। इसमें अधिकतम एक दिन में 200 व्यक्ति को खाना खिलाने की व्यवस्था है।