राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने के लिए कई स्थानों का दौरा कर रहे है। वहां पर अपना वोट बैंक तो बना ही रहे हैं साथ में विपक्षियों की उतारने में भी पीछे नहीं दिख रहे। गहलोत अपने बयानों से लगातार बीजेपी के निशाने पर बने हुए है। हाल ही में दौसा जिले के गीजगढ़ में महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने पहुंचे। जहां उन्होनें ईआरसीपी के मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि इस बार भाजपा को 13 जिलों की जनता सबक सिखाएगी।
ईआरसीपी को लेकर खेला चुनावी दांव
दौसा जिले में गहलोत ने फिर से ईआरसीपी परियोजना को लेकर अपना चुनावी पेच चला। वहां मौजूद जनता ने गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाए। हमेशा की तरह यहां भी गहलोत ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग पर केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई। साथ ही गहलोत ने यह भी कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो 13 जिलों की जनता बीजेपी को सबक सिखाने में देरी नही करेगी।
ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा
गहलोत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार का ध्यान ईआरसीपी परियोजना की तरफ खींचा है। रविवार को गहलोत धौलपुर में मंहगाई राहत कैंप का अवलोकन करने पहुंचे जहां उन्होनें पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का मुद्दा उठाया। उन्होनें कहा कि ईआरसीपी 13 जिलों की जीवनरेखा है। केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए ताकि इससे बड़े क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हो सके।
इसके अलावा सीएम गहलोत ने एससी-एसटी वोट बैंक पर भी निशाना साधा। जनसभा में गहलोत ने मंच पर बैठे-बैठे मंत्रिमंडल के एससी-एसटी समाज के 30 सदस्यों के नाम गिना दिए और कहा कांग्रेस सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली सरकार है। दौसा जिले में हुई जनसभा में गहलोत के साथ गोविंद सिंह डोटासरा, परसादी लाल मीणा, ममता भूपेश, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, प्रमोद जैन भाया सहित मुरारीलाल मीणा भी उपस्थित रहे।