भारतीय अर्थव्यवस्था इंडियन इकोनामी में फिच की रिपोर्ट ने मजबूत किया शेयर मार्केट। खबर लिखे जाने तक बीएसई सेंसेक्स 62002.16 पर चल रहा है। वही निफ़्टी टॉप फिफ्टी 18332.15 पर ट्रेड कर रहा है। पिछले हफ्ते की हल्की गिरावट के बाद आज फिर से शेयर मार्केट में हरियाली देखी गई। वही बेहतर रेटिंग के चलते शेयर मार्केट में मजबूती देखने को मिली।
सेंसेक्स ओपनिंग बेल हरे निशान पर शुरुआत के साथ खुली, निफ्टी ने भी 18300 के पार ओपनिंग बेल बजाई।
शेयर मार्केट को सेबी रेगुलेट करती है। लेकिन अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की रेटिंग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अर्थव्यवस्था, राजनीतिक जोखिम और बाजार के आधार पर रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को भारत की संप्रभु डेटिंग के संदर्भ में मजबूत बयान देते हुए कहा, भारत की लॉन्ग टर्म विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थित परिदृश्य के साथ बीबीबी रेटिंग लेवल पर रखा है।
आपको बता दें फिच, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स, मूडीज, जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रेटिंग का भारतीय अर्थव्यवस्था और मौद्रिक बाजार पर बहुत सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
रेटिंग का आधार और मानक क्या है
इन मानकों को तय करने के लिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक प्रणाली (monetary policy) और अर्थव्यवस्था के विभिन्न डाटा का गहन अध्ययन किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है।अंतरराष्ट्रीय बाजार की उथल-पुथल का प्रभाव भारतीय बाजार पर कम पड़ा है। भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में मजबूती से उभरी है।
मजबूत ग्रोथ रेट और मनी लिक्विडिटी दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर आर्थिक मंदी का प्रभाव नगण्य होगा। एजेंसी ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को बीबीबी पर रखा है। जो सबसे कम निवेश ग्रेडिंग है। फिर भी अन्य देशों की तुलना में हमारी स्थिति बेहतर है।
संप्रभु डेटिंग से यह भी पता चलता है कि कोई देश आने वाले समय में अपने देनदारियों और उधार हो चुका सकेगा या नहीं? लायबिलिटी और ऐसेट के संतुलन को देखकर ही अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं रेटिंग देती है।