जयपुर। SMS Hospital : राजस्थान की राजधानी जयपुर समेत परे प्रदेश में इस समय मौसमी बीमारियों ने लोगों को अपने लपेटे में ले रखा है। यह सामान्य वायरल है जो अब पोस्ट ब्रोन्काइटिस एलर्जी में बदल चुका है। इन्हीं मौसमी बीमारियों की वजह से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीजों की संख्या जबरदस्त रूप से बढ़ चुकी है। इस बार मौसम बार—बार बदल रहा है जिस वजह से लोग काफी लंबे समय तक बीमार हो रहे हैं। इस समय वायरल बीमारियां होने की वजह से एक मरीज से घर का पूरा परिवार इनके लपेटे में आ रहा है। ये बीमारियां उन लोगों को ज्यादा जकड़ रही है जो कोरोना से ग्रसित हो गए थे।
पोस्ट वायरल इंफेक्शन में ब्रोन्काइटिस एलर्जी के बढ़े केस
इस समय पोस्ट वायरल इंफेक्शन में ब्रोन्काइटिस एलर्जी के केस बढ़े हैं जिनमें सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज शामिल हैं। हालांकि, जुकाम और बुखार के मरीज तो एक हफ्ते में ठीक हो रहे हैं, परंतु ब्रोन्काइटिस एलर्जी से चार-पांच दिन में ठीक होने वाली खांसी 3 से 4 हफ्ते में भी ठीक नहीं हो पा रही। इस तरह के मरीजो में एच3एन2, यूआरआई, एडिनोवायर और कोरोना की रिपेार्ट भी निगेटिव आ रही है। सवाई मानसिंह अस्पताल की ओपीडी में 5 से 19 फरवरी तक 1 लाख 28 हजार 332 मरीज आए, जिनमें 50 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारी से ग्रसित थे।
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मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में वायरस पकड़ में नहीं आ रहे
एसममएस अस्तापल (SMS Hospital) के सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना के मुताबिक यहां पर ओपीडी में बुखार-गले में खराश या सामान्य वायरल के मरीजों की संख्या अधिक बढ़ रही है। इन मरीजों में से 10 में से 4 में पोस्ट ब्रोन्काइटिस एलर्जी के लक्षण मिल रहे हैं। मरीजों में वायरल की वजह से सूखी खांसी चलनी शुरू हो रही है, जो 2 या उससे ज्यादा सप्ताह में भी ठीक नहीं हो पा रही। सामान्यतौर पर बीमारियों से ग्रसित मरीजों में वायरस डिटेक्ट नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह से कोरोना वायरस समेत अन्य वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। इन मरीजों पर नॉर्मल मेडिसिन भी कम असरदार दिखा रही है। ऐसे मरीजों के लिए मल्टीपल कॉम्बिनेशन में ज्यादा एमजी की दवाई देनी पड़ रही है।
एक मरीज से पूरा परिवार आ रहा लेपेटे में
अभी सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस इन्फ्लूएंजा और सिंस्टिएल वायरस फैल रहे हैं। लगातार तापमान में बदलाव की वजह से ऐसा हो रहा है। इसकी वजह से लंबे समय तक खांसी की समस्या रहती है। हालांकि, ऐसे मामलों में निमोनिया होना रेयर है। किसी भी व्यक्ति को एकबार वायरल इंफेक्शन के बाद शुरू नॉर्मल खांसी, बुखार, जुकाम आदि होते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कई मरीजो को बुखार भी नही होता परंतु वो नॉर्मल वायरल एलर्जिक ब्रोन्क्राइटिस में कन्वर्ट हो जाता है। इसकी वजह से लंबे समय तक खांसी रहती है। यह एक रुटीन रेस्पिरेटरी पैनल वायरस का वैरिएंट है। इसकी वजह से किसी भी परिवार में एक बीमार होने पर उसकी वजह अन्य सदस्य भी लपेटे में आ रहे हैं।
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तापमान में उतार चढ़ाव बन रहा मौसमी बीमारियों का कारण
इस साल जनवरी माह में जबरदस्त ठंड पड़ने के बाद अब फरवरी माह में दिन-रात के तापमान में लगातार उतार चढ़ाव हो रहा है। फरवरी के सप्ताह में अच्छी मावठ होने की वजह से रात का तापमान गिरा, जबकि दिन में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। राजस्थान में मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी 5 फरवरी के से ही अधिक हुआ है। पिछले 2 दिनों से दिन-रात के तापमान में 10 से 15 डिग्री का अंतर आया है। 19 फरवरी की रात को न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस था जबकि दिन का तापमान 3 डिग्री गिरकर 29.1 डिग्री तक आ गया था।