विवदों से घिरा आसाराम का नाम एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इसका कारण सिर्फ एक बंदा ही है। जी हां वो बंदा है मनोज बाजपेयी। मनोज बाजपेयी की अपकमिंग फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है। इस 8 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था। फिल्म के ट्रेलर में दिखाया है कि एक बाबा ने 16 साल की लड़की का रेप किया। वहीं फिल्म में साफ तौर पर लिखा गया है कि यह सत्य घटनाओं पर आधारित है।
फिल्म में जिस बाबा का हुलिया दिख रहा है वह सीधे तौर पर आसाराम से मिलता है, जो इसे विवादों से जोड़ रहा है। जिसके बाद से ही आसाराम बापू ट्रस्ट की ओर से आवाज तेज हो गई है। ट्रस्ट की तरफ से फिल्म मेकर्स को नोटिस भी भेजा गया है। वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि फिल्म रिलीज और प्रमोशन को रोका जाए। क्योंकि इससे उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को नुकसान है।
हमे राइट है……कुछ भी कहे
फिल्म प्रोड्यूसर आसिफ शेख ने ईटाइम्स से बातचीत में कहा है कि हमें फिल्म के लिए नोटिस मिला है। जिसमें हमारे लॉयर्स बताएंगे कि क्या करना चाहिए। हम बायोपिक पीसी सोलंकी पर है हमने राइट्स भी खरीदे हैं। हम किसी भी इंसान की सोच पर तो रोक नहीं लगा सकते।
ये हैं पीसी सोलंकी
आसाराम के खिलाफ यह केस जिसने लड़ा था उस वकील का नाम पीसी सोलंकी था। यह फिल्म भी उन्हीं पर बेस्ड है। मनोज बाजपेयी फिल्म में उन्हीं का रोल प्ले कर रहे हैं। पीसी सोलंकी को पूनम चंद सोलंकी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने रेप विक्टिम की तरफ से आसाराम केस में पैरवी की। यही नहीं उस बच्ची को न्याय भी दिलवाया था। केस के दौरान उन्हें लालच और धमकियों का भी सामना करना पड़ा था। जिसके परिणाम स्वरूप आज आसाराम जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। केस जीतने वाले सोलंकी ने इस केस की कोई फीस नहीं ली थी।
इसलिए है आसाराम ट्रस्ट परेशान
आसाराम के बारे में 2013 में पता चला था। उस समय नाबालिग लड़की की ओर से आसाराम पर रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था। उसके मां-बाप ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को भूत-प्रेत के झाड़-फूंक के नाम पर दुष्कर्म किया। 20 अगस्त 2013 एफआईआर हुई, जिसके पांच साल बाद अप्रैल 2018 में जोधपुर की कोर्ट में उन्हें मुजरिम मान आजीवन कारावास हुआ था।