बंगाल की खाड़ी से उठने वाला तूफान मोचा आगामी 12 मई तक भीषण चक्रवाती तूफान में बदलकर दक्षिण-पूर्व और बंगाल की खाड़ी मध्यवर्ती इलाके में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या आप जानते हैं इस बार के तूफान का नाम किस देश ने दिया है? इस बार के तूफान का नाम यमन ने दिया है। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उठने वाले तूफानों का नाम क्रमानुसार विभिन्न देशों द्वारा दिया जाता है।
विश्व मौसम संगठन की पहल के अनुसार सन 2008 में विश्व विज्ञान संगठन के 8 देशों ने मिलकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में उठने वाले तूफानों के नाम जारी करने की परंपरा रखी। इसके बाद इसमें अन्य देश भी शामिल होने लगे।
कौन-कौन से देश शामिल है?
भारत में आने वाला तूफान बंगाल की खाड़ी या अरब सागर से आता है। इस बार का तूफान बंगाल की खाड़ी में उठा है। विश्व विज्ञान संगठन के 8 देशों में भारत, श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान, ओमान, बांग्लादेश म्यानमार, थाईलैंड शामिल थे। इसके बाद 2018 में यूएई, यमन, सऊदी अरब, इराक, कतर, कुल मिलाकर 13 देशों की इसमें भागीदारी है।
जो बारी-बारी से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठने वाले तूफानों के नाम रखते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग आईएमडी ने पूर्व सूचना जारी कर देश के विभिन्न समुद्री राज्य में मोचा को लेकर मोर्चा (अलर्ट) जारी कर दिया था। इसका प्रभाव देश के विभिन्न राज्यों पर पड़ने वाला है।
कौन-कौन से राज्य प्रभावित होंगे
उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में गर्मी जोरदार पड़ने लगी है। देश की राजधानी दिल्ली में भी पारा 42 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वही बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के शुक्रवार तक जबरदस्त चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार बताए गए हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी और उत्तरै अंडमान सागर में मछुआरों को समुद्र में ना जाने की हिदायत दी है।
चक्रवाती तूफान के दौरान 11 मई तक खाड़ी द्वीपो में भारी वर्षा होगी इसके बाद यह 14 मई तक बांग्लादेश, म्यानमार तट के पास तबाही मचा सकता है। चक्रवात से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। ऐसे में इन तटीय इलाकों के मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है।
आपको बता दें जब-जब गर्मी बढ़ती है। समुंद्र का तापमान 27 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक हो जाता है ।ऐसे में वहां कम दबाव का क्षेत्र बनता है और उस कम दबाव के क्षेत्र से हवाएं अधिक दबाव क्षेत्र की ओर चलने लगती है। ऐसे में मोचा तूफान जिसका नाम यमन ने दिया है। भारत सरकार ने भी मोर्चा खोल लिया है।