हर बच्चे की जिंदगी में मम्मी पापा की जगह खास होती है और उनकी जिंदगी में बच्चे की। साइंस भी यही कहती है कि बच्चे में दो लोगों के जीन्स होते हैं। लेकिन क्या हो जब बच्चे में तीन लोगों के डीएनए शामिल हों। यही नहीं बच्चे पैदा न होकर एक लैब में बनने लग जाएं। ऐसे में वो बच्चा आम तो नहीं हो सकता। अब विज्ञान का यही आविष्कार दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। इंग्लैंड में ऐसा बच्चा जन्म ले चुका है जो न सिर्फ तीन लोगों की संतान कहलाएगा। यही नहीं वह नार्मल नहीं एक खास तरह से बनाया भी जाएगा। साइंस का यह कारनामा उसे कोई बीमारी भी नहीं होने देगा।
कैसे जन्म लेगा यह थ्री पेरेंट वाला बच्चा
विज्ञान की तकनीक का इस्तेमाल कर एक महिला के एग लेकर उनसे आईवीएफ भ्रूण को तैयार किया जाएगा। जिसमें भ्रूण के बायोलाॅजिकल माता पिता के एग और स्पर्म लेकर माइटोकाॅन्ड्रिया के साथ मिलाना होगा। इस बच्चे में एक महिला डोनर के 37 जीन को भी मिलाया जाएगा। जिससे इसमें तीन लोगों के गुण आ जाएगे।
जेनेटिक बीमारियों को कहेंगे बायबाय
इंग्लैंड के डाॅक्टर्स की एमडीटी और एमआरटी टैक्नोलाॅजी से का इस्तेमाल इस प्रक्रिया में किया जा रहा है। इसे माइटोकॉन्ड्रियल रीप्लेसमेंट ट्रीटमेंट भी कहा जा सकता है। वहां यह बच्चा न्यूकैसल फर्टिलिटी सेंटर में तैयार किया गया है। दुनिया के इस अजूबे बच्चे को कोई जेनेटिक बीमारी नहीं होगी। जिससे यह और बच्चों से अलग होगा। वर्तमान में हर 6 हजार में से एक बच्चा माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों का शिकार होता है। ऐसे में यह बच्चा और बच्चों के मुकाबले ज्यादा ताकतवर तो होगा ही साथ में कम बीमार भी होगा। जो और बच्चों के लिए परेशानी का कारण बना सकता है।
पहले भी हो चुका है एमडीटी तकनीक का इस्तेमाल
एक रिपोर्ट के अनुसार एमडीटी तकनीक से बच्चे पैदा करने वाला यूके दुनिया का पहला देश नहीं है। इस तकनीक का प्रयोग कर 2016 में अमेरिका में भी एक बच्चा पैदा किया गया था। यह बच्चा अमेरिका के जॉर्डन के एक परिवार में जन्मा था।