Shab-e-Barat Ka Roza: मुसलमानों का पवित्र महीना शाबान चल रहा है। इसके बाद रमजान का महीना आने वाला है। आज 24 फरवरी है शाबान की 13वी रात। इस पाकीजा महीने में ही Shab-e-Barat का त्योहार परसो मनाया जाएगा। बता दे कि पवित्र महीना शाबान 12 फरवरी 2024 को शुरु हुआ था। Shab-e-Barat के दिन मुसलमान Shab-e-Barat Ka Roza भी रखते हैं। रमजान की तरह की इसमें भी सहरी और इफ्तारी होती है। लेकिन दुआ और नियत के हिसाब से देखे तो शाबान का ये रोजा (Shab-e-Barat Ka Roza) थोड़ा अलग है। इसे अरफ़ा का रोजा भी कहते हैं।
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Shab-e-Barat Ka Roza कब है?
भारत में Shab-e-Barat Ka Roza शाबान की 14वी तथा 15वी रात को रखा जाएगा। यानी अंग्रेजी तारीख 24 व 25 फरवरी 2024 को Shab-e-Barat Ka Roza रखा जाएगा। इस साल अरब में Shab-e-Barat 24 फरवरी को मनाई जाएगी तो अगले दिन 25 फरवरी को भारत में Shab-e-Barat मनेगी। Shab-e-Barat Ka Roza रखने के लिए आप सुबह फज्र की अजान से पहले रोजे की नियत कर ले। इफ्तारी का समय वही मगरिब के वक्त ही होगा। रमजान के पाकीजा रोजो की तरह ही इस रोजे में भी वो सभी नियम लागू होते हैं।
Shab-e-Barat Ka Roza रखने की नियत
“मैं यह रोजा शबे बरात के मौके पर अल्लाह की रज़ा के लिए रख रहा हूँ। मैं मौला की बारगाह में अपने तमाम कबीरा सगीरा गुनाहों की माफी मांगता हूँ और अल्लाह से दुआ करता हूँ कि वह मुझे अगले साल के लिए अच्छी तक़्दीर और बेहतर रिज़्क अता फरमाएं।”
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Shab-e-Barat Ka Roza रखने की दुआ
“बिस्मिल्लाहि र-रहमानी र-रहीम, अल्लाहुम्मा बारीक लना फी रजब व शबान व बल्लिग्ना रमदान।”
इसका मतलब है, “या अल्लाह, रजब और शबान के महीनों में हमारे लिए बरकत फरमा दे और हमें रमजान तक पहुंचा दे।”
शब-ए-बरात का रोज़ा खोलने की दुआ
“अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु व अला रिजा’इ व फित्रि उम्र बियादिक अल्लाहुम्म अन्तस्सलाम व मिन्कस्सलाम तबारक्तयायाथदाल्जलाली व इक्राम”
इसका मतलब है, “या अल्लाह! मैंने तेरे लिए ही रोजा रखा है और तेरे लिए ही उसे खोल रहा हूँ। आप हम पर अपनी बेशुमार रहमत नाजिल कर दीजिए। ऐ मेरे रब! तू ही अमन चैन का मालिक है, सुकून तुझसे ही है। तू निहायत रहम वाला है और तू जलाल और उपकार का असल हकदार है।