24 फरवरी, माघ शुक्ल पूर्णिमा पर होली का डांडा रोपण (Holi ka Danda 2024) के साथ फाल्गुन महीने की शुरूआत हो जाएगी। इसके साथ ही मंदिरों में पूर्णिमा पर धार्मिक आयोजन होंगे और फाग उत्सव भी शुरू हो जाएंगे। होली का डांडा रोपण के साथ ही सभी मांगलिक कार्यो पर रोक लग जाती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार मांगलिक कार्य होंगे जो आपके लिए शुभ है।
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डांडा रोपण की परंपरा
होली की शुरूआत के साथ ही डांडा रोपण की परंपरा शुरू हुई थी। (Holi ka Danda 2024) होली के एक महीने पहले इसकी शुरुआत होती है। एक महीने बाद होली का दहलन और धुलंडी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार फाल्गुन माह की शुरूआत 25 फरवरी से होगी और प्रदेश के सभी मंदिरों में श्रद्धालु गुलाल व फूलों के साथ ठाकुरजी के संग होली खेलेंगे और भजन कीर्तन करेंगे।
डांडा प्रहलाद का प्रतीक
होलिका दहन वाले स्थान पर डांडा रोपा जाता है और इसे भक्त प्रहलाद का प्रतीक मानते है। (Holi ka Danda 2024) होलिका दहन के दौरान इसे सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जाता है। रविवार को माघ शुक्ल पूर्णिमा पर सुबह 9 से 11 बजे, शाम 6 से 9 बजे तक रोपने का शुभ समय हैं
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होलिका दहन 2024
24 मार्च को होलिका दहन होगा और शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है। (Holi ka Danda 2024) होलिका दहन के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा। 25 मार्च को धुलंडी मनाई जाएगी।