कभी-कभी पीरियड्स में परेशानी, पीरियड शुरू होने से पहले ही कुछ लड़कियों और महिलाओं में होने लगती है। ऐसे लक्षण और संकेत देखने को मिलते हैं। जिसे प्री मेंस्ट्रुअल कहा जाता है। इस दौरान बहुत से शारीरिक परिवर्तन के साथ-साथ मानसिक परिवर्तन भी देखे जाते हैं।
क्या आपके साथ भी होता है ऐसा
महीने के उन दिनों की शुरुआत से पहले ही मन चिड़चिड़ा सा महसूस करता है। मूड स्विंग होने लगता है। चिड़चिड़ाहट, थकान, डिप्रेशन, एंजायटी तो कभी-कभी ब्रेस्ट में भी दर्द होने लगता है। इतना ही नहीं थाईज और पेट के निचले हिस्से में भी दर्द शुरू हो जाता है।
यह समस्या आजकल लड़कियों में आम हो गई है। हारमोंस के अप -डाउन की वजह से 4 में से 3 महिलाओं को प्री-मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है।
वैसे यह कोई समस्या नहीं है। सिर्फ हारमोंस के अप- डाउन की वजह से ऐसा होता है।
जिसमें अधिकांश लड़कियों को भूख ना लगना, कुछ खाने की क्रेविंग होना, कंसंट्रेशन का अभाव, लिबिडो में बदलाव, मूड स्विंग होनी जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है। इसके अलावा कुछ महिलाओं को कॉन्स्टिपेशन या डायरिया भी हो जाता है। पेट में ब्लाटिंग और ब्रेस्ट का कोमल होना, इस ओर संकेत है कि आप प्री मेटुअल सिंड्रोम से गुजर रही है।
क्या है कारण
हारमोंस में बदलाव -इस दौरान लड़कियों और महिलाओं के हारमोंस में बदलाव होता है। जिसकी वजह से अधिकांश को यह समस्या झेलनी पड़ती है।दिमाग में केमिकल बदलाव- कुछ हारमोंस ऐसे होते हैं। जो मूड को बदलते हैं। मस्तिष्क के विभिन्न भागों से अलग-अलग प्रकार के हारमोंस रिलीज होते हैं। इन्हीं में सेरेटोनिन, डोपामिन ऐसे हारमोंस होते हैं जो हमारे मस्तिष्क से रिलीज होते हैं। दिमाग में इन केमिकल्स के उतार-चढ़ाव से भी प्री मेंस्ट्रुअल समस्याएं उत्पन्न होती है।