जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर के लिए अपनी जन संघर्ष पद यात्रा शुरू की है। उधर, राजस्थान पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने 3 सह-प्रभारियों और राज्य इकाई की बैठक बुलाई है। खबर है कि बैठक में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोतासरा, सह प्रभारी काजी मुहम्मद निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र राठौड़ शामिल होंगे।
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जन संघर्ष यात्रा द्वारा दी गई चुनौती
इस बैठक के दौरान, नेताओं से पायलट की जन संघर्ष यात्रा द्वारा दी गई चुनौती पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। सरकारी भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मामलों को उठाने के लिए पायलट ने गुरुवार को अजमेर से जयपुर तक 125 किलोमीटर की पद यात्रा (पैदल मार्च) शुरू की।
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नेता वसुंधरा राजे को लेकर किया खुलासा
5 दिवसीय यात्रा को रेगिस्तानी राज्य में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले पायलट की ओर से पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। मंगलवार को, जिस दिन पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने राजस्थान का दौरा किया, पायलट ने गहलोत को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, न कि सोनिया गांधी।
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गहलोत ने बीजेपी नेताओं की तारीफ की
जयपुर में पायलट ने कहा था कि यह तथ्य मुख्यमंत्री के धौलपुर में परसों दिए गए भाषण से स्पष्ट हो गया है। पायलट ने गहलोत के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें बीजेपी नेताओं की तारीफ की, लेकिन पार्टी के अपने ही सांसदों और विधायकों की छवि खराब की।
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गहलोत के बयान के दो चेहरे क्यों
गहलोत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दो भाजपा नेताओं, कैलाश मेघवाल और शोभरानी कुशवाहा ने उनकी सरकार को बचाने में मदद की। गहलोत के बयान पर पायलट ने कहा, गहलोत को बताना चाहिए कि उनके बयान के दो चेहरे क्यों हैं। एक तरफ उनका कहना है कि बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी और दूसरी तरफ उनका कहना है कि राजे उनकी सरकार बचाने की कोशिश कर रही थीं, वह क्या कहना चाहते है? पायलट लगातार भाजपा शासन में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठा रहे हैं।