जयपुर। RSS ने राजस्थानी भाषा में होली गीत (RSS Holi Geet) जारी किया है जिसको पढ़कर हर किसी का भी तन-मन झूम उठेगा। यह गीत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर महानगर (तरूण शाखा एवं प्रौढ़ व्यवसायी) पुस्तिका में जारी किया है। यह शाखा पुस्तिका पौष कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा युगाब्द 5125, विक्रम संवत् 2080, 27 दिसंबर 2023 से 25 मार्च 2024 तक प्रभावी है। इसी पुस्तिका में 25 से 25 मार्च तक के लिए यह होली गीत (Holi Geet Marwadi) जारी किया गया है। RSS द्वारा राजस्थानी भाषा में जारी किया गया यह गीत बहुत शानदार है जिसको गाते वक्त तन—मन झूम उठता है। तो आप भी पढ़िए—
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हाँ रे होळी आई रे, फागण री मस्ती छाई भाई रे ..
कि होळी आई रे…
रंग-बिरंगी होळी आई, रंग बसंती छायो रे,
संतां ने, वीरा ने चोळो, बासंती रंगवायो रे,
रंगी खून सूं धरा कि होळी असी मनाई रे,
कि होळी आई रे…
स्नेह-प्रेम रा रास रचावाँ, हिल-मिल नाचा गांवां रे,
भेदभाव ने छोड़ उठां अब, सबने गळे लगावां रे,
जगा रहा सूता भारत ने कृष्ण कन्हाई रे,
कि होळी आई रे…
सन् सत्तावन याद करो और याद करो थे झाँसी नै,
भगत सिंह सा वीर झूल ग्या झूलो समझ के फाँसी ने,
मरता मरता भी जय हिंद री टेर लगाई रे,
कि होळी आई रे…
गाँव गाँव मे भगवो फहरे, गाँव गाँव मे शाखा रे,
गाँव गाँव मै आज पुगा द्यां, संघ शक्ति रा आखा रे,
गूँज उठे अब हिंदू-हिंदू भाई-भाई रे,
कि होळी आई रे…