इंडियन इकोनामी के लिए एक खुशखबरी आई है। भारत का foreign exchange reserves विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ गया है। केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में आरक्षित, संपत्ति में वृद्धि हुई है। आपको बता दें भारतीय रुपया एक फ्लोटिंग मुद्रा है। जिसकी विनिमय दर बाजार द्वारा निर्धारित की जाती है। ऐसे में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ना एक सकारात्मक खबर है।
क्यों महत्वपूर्ण है?विदेशी मुद्रा भंडार
जिस प्रकार हमारे पूर्वज विपरीत परिस्थितियों के लिए घर में कीमती धातु, जमा पूंजी, रखते थे। उसी प्रकार हमारा रिजर्व बैंक आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में नोट(डालर), ट्रेजरी बिल प्रतिभूतियां, जमा, सोना, बांड जैसी परिसंपत्तियों को रखता है। इसका उद्देश्य मौद्रिक प्रणाली को मेंटेन करना तथा आपातकालीन या दिवालियापन की स्थिति में बेकअप के रूप में इसका प्रयोग करना है ।केंद्रीय बैंक के पास रखा यह जमा ना केवल अर्थव्यवस्था का आत्मविश्वास बढ़ाता है ।अपितु अर्थव्यवस्था में भी काफी योगदान देता है।
कितना हो गया विदेशी मुद्रा भंडार?
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स विदेशी मुद्रा अस्थियां 6. 536 अरब डॉलर बढ़कर 526.021 अरब डॉलर हो गई।
वही रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व भी बढ़ गया है। आरबीआई का गोल्ड इस समय शीर्ष 10 देशों के पायदान में शामिल है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5 मई को सप्ताह समाप्त होने पर 7.1 96 अरब डॉलर उछलकर 595.976 अरब डॉलर हो गया।विशेष आहरण अधिकार एसडीआर 1.9 करोड़ डॉलर घटकर 18. 447 अरब डॉलर रह गया। अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर था। लेकिन कोरोना और वैश्विक घटनाओं के कारण यह धीरे-धीरे घट गया था।
इस प्रकार की परिसंपत्तियां संकट, आपातकालीन परिस्थितियों के साथ-साथ विनिमय दर को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार के साथ-साथ सोने में वृद्धि शेयर मार्केट के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।
वही आज शेयर मार्केट का हाल सकारात्मक बना हुआ है। सेंसेक्स सुबह 10:57 मिनट पर 62027. 9 पर तथा निफ्टी 18316. 3 पर ट्रेडिंग कर रहा है।