जयपुर। Bhojan Mantra : आज से समय में कई लोगों द्वारा भोजन करने का सही समय व मात्रा का पालना करना कठिन होता है जिस वजह से पेट में अपच व गैस जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इन बीमारियों से निजात पाने के लिए लोग कई तरह की दवाईयां लेते हैं, जिनका साइड इफेक्ट कुछ समय बाद सामने आता है और इनको लेने की आदत हो जाती है। हालांकि, भारतीय परंपरा में भोजन करने से पहले और बाद के कुछ नियम (Bhojan Mantra) बताए गए हैं जिन्हें फॉलो करें तो भोजन करने के बाद पेट से संबंधित विकार सामने नहीं आएंगे।
अन्न में होता है कि मां अन्नपूर्णा का वास
भारतीय शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि अन्न में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। इस वजह से भोजन करने से पहले मां अन्नपूर्णा को प्रणाम करते हुए साधुवाद देना चाहिए। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा के प्रति सम्मान प्रकट होता है। इस वजह से भोजन करने के पहले और बाद में बोलने के लिए मंत्र (Bhojan Mantra) बताए गए हैं जो जिनका उच्चारण करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं जिससें भोजन स्वास्थ्य के लिए हितकर हो जाता है। ऐसे में भोजन करने से पहले व बाद में बोलने वाले मंत्रों का जाप करके आप भोजन संबंधी विकारों से बच सकते हैं। ये मंत्र इस प्रकार हैं:—
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भोजन करने से पहले बोले ये मंत्र (Bhojan Mantra Before Eating)
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै ।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखां देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।
भोजन करने के बाद बोलें ये मंत्र (Bhojan Mantra After Eating)
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।
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भोजन करने से पहले ये मंत्र भी बोल सकते हैं (Normal Bhojan Mantra)
उपरोक्त दोनों मंत्रों के अलावा आप भोजन करने से पहले गायत्री मंत्र, ओम नमः शिवाय या किसी भी सामान्य मंत्र का जाप कर सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि यदि आप इनमें से कोई भी मंत्र बोलने में असमर्थ हैं तो भोजन करने से पहले अपने गुरु या फिर इष्ट देवता का स्मरण करके ही भोजन शुरू करें। ऐसा करने से देवी-देवता की कृपा होती है और भोजन संबंधी विकार नहीं होते।