कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद अब पार्टी की नजर तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ पर है। कर्नाटक में वापसी के बाद आलाकमान राजस्थान में भी उसी फॉर्मूले को अपनाने की कोशिश करने लगे है। कर्नाटक की जीत किसी एक व्यक्ति की जीत नहीं है, पार्टी की एकजुटता का परिणाम है। इस बार कर्नाटक विधानसभा की जीत का असर राजस्थान में भी देखने को मिलेगा।
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राजस्थान में चल रही नाराजगी को दूर करेंगे आलाकमान
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष खड़गे राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच हो रही तकरार को खत्म करने के लिए उन्हें बुलाने की योजना बना रहे है। दिसंबर में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी आलाकमान एकजुटता के फॉर्मूले के साथ यहां काम करेगा। इसी के चलते चुनावों के लिए रोडमैप प्रस्तुत करने के लिए गहलोत और पायलट को बुलाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
पायलट को मिल सकता है प्रदेश अध्यक्ष का पद
मीडिया जानकारी के मुताबिक खड़गे का प्लान गहलोत और पायलट के बीच नाराजगी को दूर करना है लेकिन कहीं ऐसा ना हो कि गहलोत पूरी पार्टी से ही दूरी बना ले। कयास लगाए जा रहे है कि खड़गे के प्लान बी के तहत सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। ऐसे में गहलोत को विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में गहलोत पर सख्ती के चलते प्रदर्शन भी होने की आशंका है।